किसानों का प्रदर्शन.. आम का MSP तय करने की उठाई मांग, 3 रुपये किलो रेट से हो रहा नुकसान

चित्तूर जिले के आम किसानों ने तोतापुरी आम के लिए 12 रुपये प्रति किलो MSP की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पल्प यूनिट्स द्वारा 3 से 6 रुपये में खरीदने से किसान नाराज हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 22 Jun, 2025 | 10:43 AM

आंध्र प्रदेश में उचित कीमत नहीं मिलने से आम किसान परेशान हैं. वे आम का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने को लेकर लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को चित्तूर जिले के आम किसानों ने तोतापुरी किस्म के आम के लिए 12 रुपये प्रति किलो MSP की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन रायतू संघम और मैंगो ग्रोवर्स वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में जिला कलेक्टरेट के सामने किया गया.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आयोजित इस प्रदर्शन का मकसद जिला प्रशासन का ध्यान आम की खरीद दरों में की जा रही कटौती और पल्प इंडस्ट्रीज द्वारा दिए जा रहे कम दामों की ओर दिलाना था. किसान जब विरोध स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने ‘मैंगो फार्मर्स योगा डे’ लिखे बैनरों के साथ योग करने की तैयारी की थी, ताकि अनोखे तरीके से अपना विरोध जता सकें. लेकिन कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से रोकने की बात कही और समझाकर उन्हें मनाया. इसके बाद किसानों ने सिर्फ बैनर दिखाकर शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराया.

3 रुपये किलो व्यापारी खरीद रहे हैं आम

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विरोध में शामिल कई किसान उम्रदराज थे और योग के अभ्यास से परिचित नहीं थे. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जगह पर बिना योग अभ्यास और ड्रेस कोड के योग करना ठीक नहीं लगता, इसलिए हमने आयोजकों से यह आइडिया छोड़ने की अपील की. बाद में किसानों ने जिला कलेक्टर सुमित कुमार से अपील करते हुए शिकायत की कि कई पल्प फैक्ट्रियां सिर्फ 6 रुपये प्रति किलो और कुछ व्यापारी तो मात्र 3 रुपये प्रति किलो ही आम खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने 8 रुपये प्रति किलो देने के निर्देश दिए हैं.

अधिकारियों ने सरकारी नियमों का पालन नहीं कराया

किसानों का कहना था कि अधिकारियों ने कीमतों को लेकर सरकारी नियमों का पालन नहीं कराया, जिससे पल्प यूनिट्स और बिचौलियों को किसानों का शोषण करने का मौका मिल गया. किसानों के विरोध के बाद जिला कलेक्टर ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और इस मुद्दे पर बातचीत की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो पल्प यूनिट्स तय नियमों का उल्लंघन कर रही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने यह भी कहा कि अब से क्रशिंग यूनिट्स (पल्प बनाने वाले केंद्रों) में दी जाने वाली स्लिप्स में आम के दाम की जानकारी देना अनिवार्य होगा, ताकि किसानों को पारदर्शिता मिल सके और वे अपने हक के दाम जान सकें.

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Published: 22 Jun, 2025 | 08:05 AM

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