Onion Mandi Rate: मध्य प्रदेश में प्याज और लहसुन किसानों को मंडियों में उचित रेट नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. कीमत में गिरावट का आलम यह है कि किसान कौड़ियों के भाव अपनी उपज बेचने को मजबूर हो गए हैं. खास कर मंदसौर जिले की मंडियों में प्याज और लहसुन का रेट बहुत ही कम हो गया है. मौजूदा वक्त में प्याज 100 से 200 रुपये क्विंटल बिक रहा है. यानी किसान 1 से 2 रुपये किलो प्याज बेच रहे हैं. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है. कई किसान कीमत कम होने के चलते बीना उपज बेचे ही घर वापस लौट रहे हैं. वहीं, कई अन्नदाता बारिश के चलते अपनी उपज को घाटे में ही बेच रहे हैं. कुछ इसी तरह का हाल लहसुन का भी है. लहसुन का रेट भी गिरकर 500 रुपये क्विंटल हो गया है.
Agmarknet के आंकड़ों के मुताबिक, 2 सितंबर से 6 सितंबर के बीच प्याज के मंडी भाव में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है. 1 सितंबर को मंदसौर मंडी में FAQ ग्रेड के प्याज का मिनिमम रेट 100 रुपये क्विंटल था, यानी 2 सितंबर को प्याज एक रुपये किलो बिका. जबकि मॉडल प्राइस 280 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया. हालांकि, चार दिन बाद यानी 6 सितंबर को प्याज का मिनिमम रेट बढ़कर 151 रुपये क्विंटल हो गया. यानी मिनिमम कीमत में 50 फीसदी से अधिक का इजाफा हो गया. लेकिन फिर भी किसानों को आर्थिक नुकसान ही उठाना पड़ रहा है. क्योंकि प्याज की उत्पादन लागत प्रति क्विंटल बहुत ज्यादा है. ऐसे में किसानों ने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है.
500 रुपये क्विंटल हुआ प्याज का रेट
किसानों का कहना है अन्नदाताओं को आर्थिक नुकसान से निकालने के लिए सरकार को MSP पर प्याज की खरीद शुरू करनी चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में किसान प्याज की खेती से दूरी बना लेंगे. इसी तरह दलौदा मंडी में 1 सितंबर को लहसुन का मिनिमम रेट 500 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया, जबकि मैक्सिमम रेट 11301 रुपये क्विंटल रहा है. हालांकि, 7 सितंबर को मंदसौर मंडी में लहसुन का मिनिमम रेट बढ़कर 3200 रुपये क्विंटल हो गया. खास बात यह है कि इस दिन लहसुन का मैक्सिमम और मॉडल रेट भी 3200 रुपये क्विंटल ही दर्ज किया गया.
आंध्र प्रदेश में MSP पर प्याज की खरीद
बता दें कि आंध्र प्रदेश सरकार प्याज किसानों को आर्थिक संकट से निकालने के लिए खुद प्याज की खरीद कर रही है. 1200 रुपये क्विंटल की दर से किसानों से प्याज खरीदा जा रहा है. इससे किसानों को काफी राहत मिली है. अभी तक 5000 क्विंटल से अधिक प्याज की खरीदी हो गई है.