विदेशों में भारतीय चावल की डिमांड में तेजी, राइस एक्सपोर्ट 10 फीसदी बढ़ने से किसानों को होगा फायदा

Rice Export: APEDA के चेयरमैन ने कहा कि विदेशी मार्केट से बेहतर डिमांड की वजह से इस फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में में भारत का चावल एक्सपोर्ट वॉल्यूम के हिसाब से 10 परसेंट से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. इससे किसानों को बाजार में बेहतर दाम मिलता रहेगा.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 30 Oct, 2025 | 05:23 PM

Rice Production: भारतीय चावल की विदेशी बाजारों में तेजी से मांग बढ़ रही है. एपिडा के चेयरमैन ने कहा है कि भारतीय चावल के निर्यात में 10 फीसदी उछाल आएगा. यह स्थिति भारतीय धान किसानों के लिए लाभकारी होगी, क्योंकि उनकी उपज का स्थानीय बाजार में बेहतर दाम मिलेगा. बता दें कि 2022 में घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने चावल निर्यात पर बैन लगाया था, जिसे 2023 में हटा दिया गया है.

एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के चेयरमैन अभिषेक देव ने गुरुवार को कहा कि विदेशी मार्केट से बेहतर डिमांड की वजह से इस फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में में भारत का चावल एक्सपोर्ट वॉल्यूम के हिसाब से 10 परसेंट से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. बता दें कि APEDA कॉमर्स मिनिस्ट्री की एक ब्रांच है जो देश के एग्री एक्सपोर्ट से जुड़े मामलों को देखती है.

एपिडा के चेयरमैन अभिषेक देव ने पीटीआई से कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में भारत ने USD 12.95 बिलियन कीमत का 20.1 मिलियन टन चावल एक्सपोर्ट किया है, जो 172 से ज्यादा देशों में पहुंचा है. उन्होंने कहा कि 2025-26 सीजन में भी भारतीय चावल की मांग विदेशी बाजारों में और बढ़ रही है, यह संकेत निर्यात में बढ़ोत्तरी की बात कहते हैं.

चावल निर्यात में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी

दिल्ली में इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) की ओर से हो रही भारत इंटरनेशनल राइस कॉन्फ्रेंस (BIRC) 2025 में APEDA चेयरमैन ने कहा कि इस फाइनेंशियल ईयर में चावल एक्सपोर्ट बढ़ेगा. हमें वॉल्यूम के हिसाब से डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वैल्यू के हिसाब से भी एक्सपोर्ट बढ़ेगा. दो दिन की ग्लोबल राइस कॉन्फ्रेंस गुरुवार को यहां भारत मंडपम में शुरू हुई.

राइस प्रोडक्ट के निर्यात पर भी जोर

उन्होंने कहा कि चावल की अलग-अलग वैरायटी के साथ-साथ राइस क्रैकर्स जैसे चावल से बने प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट बढ़ाने की जरूरत है. APEDA चेयरमैन ने कहा कि सरकार ने 26 देशों की पहचान की है, जो अभी भारत से बहुत कम मात्रा में चावल खरीदते हैं. उन्होंने कहा कि फिलीपींस समेत इन पहचाने गए 26 देशों में एक्सपोर्ट की बहुत बड़ी संभावना है.

26 देशों में और निर्यात बढ़ाया जाएगा

एपिडा चेयरमैन ने कहा कि इन 26 देशों को हम अपने चावल का बाजार बनाएंगे और इसके लिए चावल निर्यात पर अलग रणनीति पर काम किया जा रहा है. इसके तहत हम भारतीय चावल की वैरायटी को प्रमोट करने के लिए इन 26 देशों में एक डेलीगेशन भेज रहे हैं. इन 26 देशों के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव को इस कॉन्फ्रेंस में भी बुलाया गया है, जहां भारत चावल की अलग-अलग वैरायटी दिखा रहा है. कांफ्रेंस में करीब 10,000 डेलीगेट हिस्सा ले रहे हैं.

भारत सबसे बड़ा चावल उत्पादक और निर्यातक देश

भारत दुनिया के सबसे बड़े चावल प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर में से एक है, जो 172 से ज्यादा देशों को चावल की सप्लाई करता है. भारत ने 2024-25 में लगभग 470 लाख हेक्टेयर से लगभग 1500 लाख टन चावल का प्रोडक्शन किया है. यह आंकड़ा वैश्विक उत्पादन का 28 फीसदी है. इस बार औसत पैदावार 2014-15 में 2.72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में लगभग 3.2 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है, जो बेहतर बीज की किस्मों, बेहतर खेती के तरीकों और बढ़े हुए सिंचाई कवरेज की वजह से संभव हुआ है.

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