सोयाबीन खरीद 24 अक्टूबर से, जानिए सरकार ने कितना तय किया भाव और भावांतर का लाभ किसे मिलेगा

मध्य प्रदेश सरकार 24 अक्तूबर से किसानों की सोयाबीन की उपज खरीदने जा रही है. सभी मंडियों और उप मंडियों में तकनीकी समेत सभी संसाधनों की व्यवस्था की गई है. मंडी स्तरीय कर्मचारियों की ट्रेनिंग के साथ सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक मंडी में किसानों के लिए हेल्प डेक्स भी बनाई गई है.

नोएडा | Updated On: 23 Oct, 2025 | 08:39 PM

सोयाबीन किसानों की उपज कल यानी 24 अक्तूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी. मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों को उनकी उपज का उचित दाम देने के इरादे से राज्य की मंडियों पर खरीद की समुचित व्यवस्था की गई है. वहीं, राज्य के 9 लाख से ज्यादा किसानों को भावांतर योजना का लाभ भी मिलेगा, अगर उनकी उपज एमएसपी से कम भाव पर बिकती है तो. बता दें कि बारिश-बाढ़ से नुकसान के बाद भी राज्य में इस बार सोयाबीन फसल अच्छी हुई है.

मध्य प्रदेश सरकार 24 अक्तूबर से किसानों की सोयाबीन की उपज खरीदने जा रही है. यह खरीद प्रक्रिया लगभग 3 महीने यानी 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी. ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के बाद ई-मंडी पोर्टल पर सभी कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किए गए हैं. सभी मंडियों और उप मंडियों में तकनीकी एवं मानव संसाधन की व्यवस्था की गई है. मंडी स्तरीय कर्मचारियों की ट्रेनिंग के साथ सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक मंडी में हेल्प डेक्स भी बनाई गई है.

भावांतर योजना के लिए 9 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सोयाबीन किसानों के हित में भावांतर योजना प्रारंभ की गई है. इसके तहत अगर तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर किसान की उपज बिकती है तो किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई भावांतर योजना के तहत राज्य सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश में तीन गुना से अधिक पंजीयन योजना में हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के 9.36 लाख किसानों ने योजना का लाभ पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. भावांतर योजना के तहत अगर मंडी में उन्होंने किसानों को को कोई असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं.

किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराए

भावांतर योजना में प्रदेश में सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है. इसी तरह 21 जिलों से 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिलों में किसानों को मंडियों और उपमंडियों में सोयाबीन विक्रय के लिए आवश्यक तैयारियां पूर्ण की जाएं. ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से किसानों के पंजीकृत बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भावांतर राशि का भुगतान निर्धारित अवधि में किया जाए, साथ ही भुगतान के संबंध में किसान को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाए.

सोयाबीन का भाव और एमएसपी

केंद्र सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने यही सोयाबीन का भाव अपने किसानों को देने की घोषणा की है. उधर, कुछ इलाकों के किसानों ने बाजार में एमएसपी से कम भाव पर सोयाबीन उपज की खरीद होने की बात कही है. किसानों का कहना है कि सोयाबीन के लिए उन्हें 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है. हालांकि, कल से सरकारी खरीद शुरू होने पर भाव ठीक मिलने की उम्मीद जताई गई है.

Published: 23 Oct, 2025 | 11:01 AM

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