हल्दी की खेती से चमक रहा महाराष्ट्र, बाजार में 23 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचा दाम

महाराष्ट्र, जो देश का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक राज्य है, इस साल शानदार पैदावार की ओर बढ़ रहा है. जहां असमय बारिश ने कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को नुकसान पहुंचाया, वहीं हल्दी के पौधों ने मौसम की मुश्किलों का मजबूती से सामना किया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Nov, 2025 | 12:55 PM

Turmeric Farming: मौसम की मार झेल रही कई फसलों के बीच हल्दी (Turmeric) किसानों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी है. महाराष्ट्र, जो देश का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक राज्य है, इस साल शानदार पैदावार की ओर बढ़ रहा है. जहां असमय बारिश ने कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को नुकसान पहुंचाया, वहीं हल्दी के पौधों ने मौसम की मुश्किलों का मजबूती से सामना किया है.

बाजार में पिछले दो सालों से हल्दी की मजबूत कीमतें बनी हुई हैं, जिससे किसानों ने इस बार बड़े पैमाने पर इसकी खेती की है.

महाराष्ट्र में बढ़ा हल्दी का रकबा और उत्पादन

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 2024-25 सीजन में महाराष्ट्र में हल्दी की खेती 77,992 हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है, जो देश के कुल रकबे का लगभग 26 प्रतिशत है. इसी के साथ राज्य में 2,90,137 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया है, जो देश के कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत है.

विशेष रूप से सांगली जिला, जिसे महाराष्ट्र का हल्दी हब कहा जाता है, राज्य की कुल हल्दी का लगभग 70 प्रतिशत उत्पादन करता है. किसानों का कहना है कि इस बार रकबा पिछले साल के 85,000 हेक्टेयर को भी पार कर सकता है.

देशभर में बढ़ती मांग और स्थिर बाजार कीमतें

पिछले दो सालों से हल्दी की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है. महाराष्ट्र के एपीएमसी बाजारों में हल्दी की कीमतें इस समय  10,000 से  23,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं. औसतन 12,000 से  20,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर व्यापार हो रहा है.

किसानों का मानना है कि नई फसल आने के बाद भी दामों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है, क्योंकि देश और विदेश दोनों जगह हल्दी की मांग लगातार बढ़ रही है.

राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा हल्दी उत्पादन

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में हल्दी की खेती का कुल क्षेत्रफल इस वर्ष तीन लाख हेक्टेयर से अधिक हो सकता है. भारतीय मसाला बोर्ड (Spices Board of India) के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 में देश का कुल उत्पादन 10.63 लाख मीट्रिक टन था, जबकि 2024-25 के लिए यह 11.16 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने की उम्मीद है. महाराष्ट्र के अलावा तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्य भी हल्दी उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

भारत का वैश्विक दबदबा कायम

भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक है, बल्कि यह वैश्विक बाजार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा भी रखता है. इसके बाद चीन (8 फीसदी), म्यांमार (4 फीसदी), नाइजीरिया (3 फीसदी) और बांग्लादेश (3 फीसदी) का स्थान आता है.

भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 1.76 लाख टन हल्दी का निर्यात किया, जिसकी कुल कीमत 341 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹2,800 करोड़) रही. इसमें से महाराष्ट्र का योगदान 155 मिलियन डॉलर यानी लगभग 45 प्रतिशत था.

हल्दी किसानों के लिए सुनहरा समय

कृषि विशेषज्ञ दीपक चव्हाण के अनुसार, इस साल का मौसम हल्दी की खेती के लिए अनुकूल रहा है और बाजार में इसकी कीमतें स्थिर रहने से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा. उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र न केवल उत्पादन बल्कि निर्यात के क्षेत्र में भी देश का नेतृत्व कर रहा है. आने वाले सीजन में यह राज्य भारत का हल्दी पावरहाउस बनने जा रहा है.”

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

आम धारणा के अनुसार टमाटर की उत्पत्ति कहां हुई?

Side Banner

आम धारणा के अनुसार टमाटर की उत्पत्ति कहां हुई?