सर्दियों में सफेद बैंगन की खेती से बदल सकती है किस्मत, कम खर्च में होती है बंपर कमाई!
Brinjal Farming : सर्दियों के मौसम में सफेद बैंगन की खेती किसानों के लिए कम खर्च में ज्यादा कमाई का बेहतरीन मौका बन रही है. इसकी मांग बाजार में बनी रहती है और पैदावार भी अच्छी होती है. सही तरीके और समय पर खेती करने से किसान अच्छी आमदनी हासिल कर सकते हैं.
White Brinjal Farming : खेती अगर सही तरीके से की जाए, तो वही खेत किसानों के सपनों को सच कर सकता है. सर्दियों का मौसम ऐसा ही मौका लेकर आता है, जब कम मेहनत और कम खर्च में अच्छी कमाई की जा सकती है. इन दिनों सफेद बैंगन की खेती किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. वजह साफ है-कम लागत, ज्यादा पैदावार और बाजार में अच्छी मांग. यही कारण है कि कई किसान इस खेती से लखपति बनने की राह पर बढ़ रहे हैं.
सर्दियों में सफेद बैंगन क्यों है फायदे का सौदा
नवंबर से जनवरी का समय सब्जियों की खेती के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. ठंडे मौसम में फसल की बढ़वार अच्छी होती है और कीट-रोग का खतरा भी कम रहता है. सफेद बैंगन की खास बात यह है कि इसकी साल में तीन बार फसल ली जा सकती है. सर्दियों में इसकी मांग ज्यादा रहती है और कीमत भी ठीक-ठाक मिल जाती है. यही वजह है कि किसान इसे भरोसेमंद फसल मान रहे हैं.
सफेद बैंगन की खेती कैसे करें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सफेद बैंगन की खेती शुरू करने से पहले खेत की अच्छी जुताई जरूरी है. जुताई के बाद पाटा लगाएं और सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. फसल के लिए फास्फोरस और पोटाश का संतुलित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है. सीधे खेत में बीज बोने के बजाय पहले नर्सरी तैयार करना बेहतर होता है. जब पौधे तैयार हो जाएं, तो उन्हें लगभग 45-60 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपें. रोपाई हमेशा शाम के समय करें, ताकि पौधों को झटका न लगे. इस फसल के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है और खेत में पानी निकासी की सही व्यवस्था होना जरूरी है.
सिंचाई और देखभाल का सही तरीका
सर्दियों में बैंगन की फसल को ज्यादा पानी नहीं चाहिए. करीब 12 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई काफी रहती है. कोहरे वाले दिनों में खेत में नमी बनाए रखना जरूरी होता है. अगर गर्मी बढ़े, तो पानी देने का अंतर कम करना पड़ता है. समय-समय पर निराई-गुड़ाई करने से पौधे मजबूत होते हैं और पैदावार बढ़ती है.
खर्च, पैदावार और कमाई का गणित
मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक हेक्टेयर में सफेद बैंगन की खेती पर करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है. पूरे साल में यह खर्च लगभग तीन लाख रुपये तक हो सकता है. बदले में एक हेक्टेयर से 100 टन तक उपज मिलने की संभावना रहती है. अगर बाजार भाव सिर्फ 10 रुपये प्रति किलो भी मिला, तो कुल कमाई करीब 10 लाख रुपये हो सकती है. खर्च निकालने के बाद भी किसान को 6 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा मिल सकता है.