मूंग दाल में खतरनाक दवा इस्तेमाल कर रहे किसान, कृषि मंत्री ने चेताया

अनुकूल मौसम के साथ ही केंद्र की ओर से एमएसपी पर 100 फीसदी दाल खरीद की घोषणा के चलते किसानों ने जायद सीजन में मूंग समेत अन्य दालों का रकबा बढ़ाया है.

रिजवान नूर खान
Noida | Updated On: 15 Mar, 2025 | 02:00 PM

जायद सीजन में देशभर में मूंग की खेती की जाती है और इसके लिए फरवरी के अंत से मार्च तक का समय अच्छा रहता है. इस बार कई राज्यों में बीते 3 दिनों से हल्की बारिश होने और मौसम नमी के चलते कुछ जगहों पर बुवाई की अवधि भी बढ़ गई है. मध्य प्रदेश में किसानों ने इस बार खूब मूंग की खेती की है. जायद सीजन में मूंग के रकबे में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. मौसम में नमी के साथ ही केंद्र की ओर से एमएसपी पर 100 फीसदी दाल खरीद की घोषणा भी किसानों को इसकी खेती के लिए प्रेरित कर रही है. लेकिन, मध्य प्रदेश में मूंग की ज्यादा उपज पाने के लालच में कुछ किसान ऐसी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके अंश कटाई के बाद भी दाल में बने रहने का खतरा बताया गया है. राज्य के कृषि मंत्री ने किसानों से इस दवा के इस्तेमाल को तुरंत कम करने की अपील की है.

20 लाख मीट्रिक टन मूंग उत्‍पादन अनुमान

मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती राज्य में की जा रही है. प्रदेश में लगभग 14.39 लाख हेक्‍टेयर में तीसरी फसल के रूप में ग्रीष्‍मकालीन मूंग की फसल बोई गई है. उन्होंने कहा कि मूंग का कुल उत्‍पादन 20.29 लाख मीट्रिक टन अनुमान है. उन्होंने कहा कि राज्य में मूंग की औसत उत्‍पादकता 1410 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर है.

दवाईयों का इस्तेमाल घटाना होगा

कृषि मंत्री ने कहा कि ग्रीष्‍मकलीन मूंग की खेती मुख्‍य रूप से नर्मदापुरम, जबलपुर और भोपाल संभाग में की जाती है. यहां के किसानों ने इस बार भी खूब मूंग की बुवाई की है. ग्रीष्‍मकालीन मूंग की खेती से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. लेकिन, फसल में कीटनाशक एवं खरपतवारनाशक दवाओं का इस्तेमाल किसान ज्यादा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग में कीटनाशक और खरपतवारनाशक दवाईयों का इस्तेमाल किसानों को घटाना होगा.

फसल में रह जाते हैं दवा के अंश

कृषि मंत्री ने कहा कि यह भी देखा जा रहा है कि फसल को जल्द पकाने के लिये खरपतवारनाशक दवा पैराक्वाट डाइक्लोराइड (Paraquat Dichloride Herbicide) का भी इस्तेमाल कुछ किसान कर रहे हैं. यह दवा ह्यूमन बॉडी के लिए नुकसानदायक है. क्योंकि, खरपतवारनाशक दवा के अंश मूंग फसल में शेष रह जाते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हैं. उन्होंने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि मूंग की फसल में कीटनाशक या खरपतवारनाशक दवाओं का इस्तेमाल कम से कम कर दें.

कितना खतरनाक है पैराक्वाट

पैराक्वाट डाइक्लोराइड फसलों में खरपतवार को तुरंत नष्ट करने की खूबी होती है और इसके चलते किसान इसका खूब इस्तेमाल करते हैं. इसके इस्तेमाल से खरपतवार पौधों की कोशिकाओं में फोटोसेंटेथिस प्रक्रिया यानी रोशनी के संचार को रोक करके खरपतवारों को मार देता है. पैराक्वाट डाइक्लोराइड को आमतौर पर पैराक्वाट या ग्रामोक्सोन नाम से भी जाना जाता है. लेकिन, यह बेहद विषैला होता है और यह फली में बाद तक मौजूद रहता है, जो मानव और पशुओं के सेवन में स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बन जाता है.

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Published: 15 Mar, 2025 | 01:54 PM

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