Potato cultivation: कर्नाटक के चामराजनगर जिले के किसान अब आलू की खेती कर रहे हैं. खासकर हनूर और गुंडलुपेट तालुका में किसानों की दिलचस्पी आलू की खेती की प्रति कुछ ज्यादा ही दिखने को मिल रही है. हालांकि, पहले जिले में आलू की खेती सिर्फ हासन और कोलार तक सीमित थी. लेकिन अब जिले में आलू की खेती का रकबा 3,700 एकड़ तक पहुंच गया है, जो दो साल पहले सिर्फ 500 से 600 एकड़ था. इस बदलाव की वजह आलू की खेती में ज्यादा मुनाफा और अधिक डिमांड है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले यहां के किसान सूरजमुखी, ज्वार, उड़द और मक्का जैसी पारंपरिक तिलहन और दलहन फसलें उगाते थे. लेकिन अब वे धीरे-धीरे आलू की तरफ बढ़ रहे हैं. पहले लोक्कनहल्ली, पीजी पल्या, हट्टूर और आसपास के गांवों में ही कुछ किसान सीमित मात्रा में आलू उगाते थे. अब यह खेती हनूर तालुक के दूसरे गांवों में भी फैल रही है. इसी तरह गुंडलुपेट तालुक के तेरेकनांबी, बोम्मलापुरा, अन्काहल्ली, हंगल और अन्य गांवों में भी आलू की खेती शुरू हो गई है.
किसान इसलिए कर रहे आलू की खेती
अच्छी पैदावार और देशभर की मंडियों में आलू के अच्छे दाम मिलने के कारण किसान इस फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं. यहां के आलू की मांंग तमिलनाडु और केरल जैसे पड़ोसी राज्यों में भी है. इस खरीफ सीजन में हनूर और गुंडलुपेट के किसान हासन और पंजाब से आए व्यापारी से 1,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू के बीज खरीद रहे हैं. यह जिला जो पहले रेशम और मिलेट की खेती के लिए जाना जाता था, अब आलू की खेती के लिए नई पहचान बना रहा है.
दो एकड़ में करीब 2 लाख रुपये का मुनाफा
अब किसान सिंचाई पंपसेट की मदद से सालभर, सभी मौसमों में आलू की खेती कर रहे हैं. पीजी पल्या गांव के किसान और ग्राम पंचायत सदस्य कृष्णमूर्ति ने कहा कि पिछले साल उन्होंने गांव में दो एकड़ जमीन पर आलू उगाकर करीब 2 लाख रुपये का मुनाफा कमाया. उन्होंने कहा कि इस बार मैं खेती का रकबा बढ़ाकर चार एकड़ कर रहा हूं, उम्मीद है इस साल भी अच्छे पैसे मिलेंगे.
बीज व दवाइयों पर सब्सिडी देने की पहल शुरू
जिला किसान महासंघ के सचिव बारदनपुरा नागराज ने कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में किसान अब इस नकदी फसल को उगा रहे हैं, तो बागवानी और कृषि विभाग को किसानों को सही मार्गदर्शन, समर्थन मूल्य, आधुनिक खेती की ट्रेनिंग और रायत संपर्क केंद्रों पर सब्सिडी में आलू बीज देने की व्यवस्था करनी चाहिए. चामराजनगर के कृषि संयुक्त निदेशक आबिद ने कहा कि जिले में आलू की खेती लगातार बढ़ रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने किसानों को आर्थिक मदद, तकनीकी जानकारी, और बीज व दवाइयों पर सब्सिडी देने की पहल शुरू कर दी है.