Kisan Bima Yojana: महज 4 दिन बचा है समय, 31 दिसंबर से पहले करा लें फसल बीमा.. इतना है प्रीमियम

मौसम की मार से फसल खराब होना किसानों की सबसे बड़ी चिंता है. इसे ध्यान में रखते हुए रबी सीजन के लिए फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. कम प्रीमियम में किसान अपनी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है.

नोएडा | Updated On: 26 Dec, 2025 | 06:40 PM

Kisan Bima Yojana : किसान दिन-रात मेहनत करके फसल उगाता है, लेकिन एक आंधी, बारिश या ओलावृष्टि उसकी महीनों की मेहनत पर पानी फेर देती हैं. ऐसे हालात में सबसे ज्यादा चिंता यही रहती है कि नुकसान की भरपाई कैसे होगी. इसी परेशानी से किसानों को बचाने के लिए फसल बीमा योजना किसी ढाल से कम नहीं है. अच्छी बात यह है कि किसान बहुत कम प्रीमियम देकर अपनी फसल को सुरक्षित कर सकते हैं. रबी सीजन की फसलों का बीमा कराने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर तय की गई है.

कम प्रीमियम में बड़ा फायदा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रबी सीजन  में किसानों को फसल बीमा के लिए सिर्फ डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम देना होता है. यानी बहुत कम रकम में फसल का बड़ा सुरक्षा कवच मिल जाता है. अलग-अलग फसलों के लिए प्रीमियम की राशि अलग तय की गई है. जैसे सिंचित गेहूं के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 545 रुपये, असिंचित गेहूं के लिए करीब 450 रुपये, चना के लिए लगभग 572 रुपये, मसूर के लिए करीब 432 रुपये और सरसों के लिए करीब 402 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रीमियम देना होता है. इतनी कम राशि देकर किसान अपनी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित कर सकते हैं.

कौन और कैसे करवा सकता है बीमा

फसल बीमा कराने के लिए किसानों के पास कई आसान विकल्प मौजूद हैं. जिन किसानों ने बैंक से खेती के लिए ऋण लिया है, उनका बीमा आमतौर पर बैंक के जरिए स्वतः हो जाता है. अगर कोई ऋणी किसान बीमा  नहीं कराना चाहता, तो उसे समय रहते लिखित आवेदन देना होता है. वहीं गैर-ऋणी किसान बैंक, जनसेवा केंद्र या मोबाइल के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर खुद भी बीमा करा सकते हैं. पूरी प्रक्रिया आसान रखी गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ उठा सकें.

किस नुकसान की होती है भरपाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फसल बीमा योजना  में बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है. अगर बुवाई के बाद अंकुरण सही नहीं हुआ, तेज बारिश, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि, जलभराव, आकाशीय बिजली या बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं  से फसल को नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई बीमा के तहत की जाती है. यही वजह है कि किसान इसे अपनी मेहनत की सुरक्षा मान रहे हैं.

नुकसान होने पर ऐसे करें शिकायत

अगर खेत में किसी भी तरह का प्राकृतिक नुकसान दिखाई देता है, तो किसान को 72 घंटे के अंदर इसकी सूचना देनी होती है. इसके लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल या मैसेज किया जा सकता है. सूचना मिलने के बाद सर्वे किया जाता है और नुकसान का आकलन किया जाता है. कई बार ऐसा होता है कि आपदा पूरे गांव में नहीं, बल्कि कुछ खेतों तक ही सीमित रहती है. ऐसे मामलों में भी किसान अलग से शिकायत दर्ज करा सकता है. सर्वे के बाद बीमा कंपनी  द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार क्लेम की राशि दी जाती है.

जरूरी दस्तावेज पहले से रखें तैयार

गैर-ऋणी किसानों को बीमा कराने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखने चाहिए. इनमें आधार कार्ड की कॉपी, खसरा-खतौनी की नकल, बैंक पासबुक या रद्द चेक, फसल बुवाई प्रमाण पत्र  और बटाईदार किसानों के लिए शपथ पत्र शामिल है. दस्तावेज पूरे होने पर बीमा प्रक्रिया जल्दी पूरी हो जाती है.

किसान क्यों न छोड़ें यह मौका

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बहुत कम प्रीमियम में मिलने वाला यह फसल बीमा किसानों के लिए बड़ी राहत है. मौसम की मार से पूरी तरह बचाव संभव नहीं, लेकिन नुकसान की भरपाई से किसान दोबारा खड़ा हो सकता है. इसलिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि 31 दिसंबर से पहले अपनी फसलों का बीमा जरूर करवा लें, ताकि मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके.

कैसे करें आवेदन

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान pmfby.gov.in/farmerLogin  लिंक पर जाकर घर बैठे फसल बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस पोर्टल पर किसान को पहले Farmer Login करना होता है. इसके बाद आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की जानकारी भरनी होती है. फसल, बोए गए रकबे और जमीन से जुड़ी जानकारी दर्ज कर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होते हैं. सभी जानकारी सही भरने के बाद आवेदन सबमिट किया जाता है. सफल आवेदन के बाद किसान को रसीद मिलती है. प्राकृतिक आपदा से नुकसान होने पर इसी बीमा से भरपाई मिलती है.

Published: 26 Dec, 2025 | 09:30 PM

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