65 लाख किसानों को फसल बीमा राशि नहीं मिलने पर सियासत गरमाई, केला-धान-कपास को नुकसान

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा NDA गठबंधन सरकार के दौरान राज्य को 17 प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है. इससे किसानों को बड़े पैमाने पर फसलों के नुकसान के साथ ही पशुधन की हानि भी हुई है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 4 Dec, 2025 | 02:49 PM

किसानों को फसल बीमा नुकसान की भरपाई नहीं हो पाने से उनकी परेशानियां बढ़ी हुई हैं. आंध्र प्रदेश के 65 लाख किसानों को फसल नुकसान के बाद बीमा राशि का भुगतान नहीं होने का मामला पूर्वी सीएम जगन मोहन रेड्डी ने उठाया है. उन्होंने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि राज्य सरकार अनदेखी कर रही है और किसानों को अब तक राशि नहीं दी गई है. किसानों को इनपुट सब्सिडी देने में भी देरी की गई, जबकि किराए पर खेती करने वाले किसानों की हालत बहुत खराब हो गई है. विपक्षी दल के किसानों का समर्थन करने से फसल बीमा भुगतान मामले पर राज्य की सियासत गरमा गई है.

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा NDA गठबंधन सरकार के दौरान राज्य को 17 प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है. इससे किसानों को बड़े पैमाने पर फसलों के नुकसान के साथ ही पशुधन की हानि भी हुई है.

आपदाओं में किसानों को समय पर मदद देने में सरकार नाकाम

ताडेपल्ली में YSRCP के सेंट्रल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने किसानों की भलाई को नजरअंदाज़ किया और आपदाओं के दौरान समय पर मदद देने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि NDA गठबंधन के 19 महीनों के राज में आंध्र प्रदेश को 17 प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा.

केवल 19 लाख किसानों को मिला बीमा लाभ, 65 लाख को नहीं

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 84 लाख किसानों में से सिर्फ 19 लाख किसानों को फसल बीमा मिला है. यानी 65 लाख किसानों को लाभ नहीं दिया गया है. पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों की मदद करने में नाकाम रही जिन्हें तुरंत जरूरत थी. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को इनपुट सब्सिडी में देरी हुई, जबकि किराए पर खेती करने वाले किसानों की हालत बहुत खराब हो गई है.

2019 में 62 फीसदी लोग खेती करते थे पर अब संख्या घट रही

YSRCP सुप्रीमो ने कहा कि खेती को राज्य में त्योहार की तरह मनाया जाना चाहिए तो नायडू के राज में यह किसानों के लिए बोझ बन गई. उन्होंने कहा कि पिछली YSRCP सरकार में 2019 से 2024 के बीच 62 फीसदी लोग खेती पर निर्भर थे. किसानों को हो रहे नुकसान से खेती में उनकी रुचि घट रही है.

केला, धान, कपास किसान बुरी तरह परेशान हैं

जगन ने आरोप लगाया कि साइक्लोन और कटाई के लिए तैयार फसलों के बारे में पहले से जानकारी होने के बावजूद नायडू की गठबंधन सरकार नुकसान को रोक नहीं पाई. उन्होंने आरोप लगाया कि केला 0.5 रुपये प्रति किलो पर बिक रहा है. धान, नारियल, कपास और हर फसल पर असर पड़ा है. सरकार बहुत खराब तरीके से चल रही है.

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Published: 4 Dec, 2025 | 02:49 PM

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