बेबीकॉर्न (Baby Corn) एक व्यावसायिक फसल है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है. बेबीकॉर्न की फसल कम समय और कम लागत में तैयार हो जाती है. बाजार में भी इसकी मांग सालभर बनी रहती है. वैसे तो बेबी कॉर्नी मुख्य तौर पर एक खरीफ फसल है लेकिन इसकी बढ़ती मांग के चलते अब इसकी खेती सालभर की जाती है. इसलिए बेबी कॉर्न की खेती साल में कई बार की जा सकती है. बता दें कि बेबी कॉर्न में कई पोषक तत्व भी मौजूद रहते हैं जिनके कारण सेहत के लिहाज से भी बेबी कॉर्न बहुत फायदेमंद होता है.
खेत की तैयारी और बीज बोने की विधि
बेबीकॉर्न की खेती के लिए दोमट या बलुई मिट्टी सबसे बेस्ट मानी जाती है. किसानों को ध्यान रखना होगी कि बेबीकॉर्न की खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.0 से 7.5 तक होना चाहिए. बीजों की रोपाई करने पहले खेत की अच्छे से 2 से 3 बार जुताई कर लें. ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाए. इसके साथ ही खेत में जल निकासी का भी उचित इंतजाम होना चाहिए. बात करें बीजों बुवाई की तो बेबीकॉर्न की प्रति हेक्टेयर फसल के लिए 15 से 20 किलो बीज जरूरी होते हैं. कतार से कतार की दूरी 45 से 60 सेमी वहीं पौधों से पौधों की दूरी 15 से 20 सेमी रखनी चाहिए. बीजों को मिट्टी में करीब 3 से 5 सेमी गहराई में बोएं.
खाद और सिंचाई की सही समय
बेबीकॉर्न की खेती में अच्छे उत्पादन के लिए नाइट्रोजन को दो भागों में देना चाहिए. इसके साथ ही 8 से 10 टन गोबर की सड़ी खाद मिट्टी में मिलाएं. बात करें सिंचाई की तो बेबीकॉर्न की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें. इसके बाद हर 7 से 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें. गर्मी के दिनों में ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है ताकि खेत में नमी बनी रहे और पौधों की जड़ें सूखने न पाएं.
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
दरअसल, बेबीकॉर्न एक व्यावसायिक फसल है जिसकी खेती में लगात कम और मुनाफा ज्यादा होता है. प्रति हेक्टेयर बेबीकॉर्न की फसल से करीब 12 से 15 क्विंटल पैदावार होती है. जिसमें किसानों को कम से कम 25 से 35 हजार रुपये की लागत लगाना पड़ती है. बाजार में बेबीकॉर्न 80 से 150 रुपये प्रति किलो बिकती है , जिससे किसानों को कुल 1 लाख से 2 लाख तक कमाई होती है. यानी कुल कमाई से लागत को घटा दें तो किसानों को लगभग 70 हजार से 1.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा हो सकता है.