प्राकृतिक खेती को मिलेगा बड़ा सहारा, रीवा मॉडल बनेगा देशभर के किसानों के लिए नई राह

Rewa Model : रीवा में शुरू हुआ प्राकृतिक खेती का नया मॉडल किसानों के लिए उम्मीद की किरण बना है. इस पहल से खेती को रासायनिक मुक्त बनाने, किसानों की आमदनी बढ़ाने और शुद्ध, सुरक्षित अनाज उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.

नोएडा | Updated On: 27 Dec, 2025 | 12:23 PM

Natural Farming : भारत की खेती एक बार फिर अपनी जड़ों की ओर लौट रही है. रासायनिक खाद और कीटनाशकों से परेशान किसान अब प्राकृतिक खेती को अपनाने लगे हैं. इसी दिशा में मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक बड़ी पहल सामने आई है, जिसे खुद केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश के किसानों के लिए प्रेरणादायक बताया है. बसामन मामा गो अभयारण्य में शुरू हुआ यह मॉडल आने वाले समय में खेती की तस्वीर बदल सकता है.

रीवा से शुरू हुआ प्राकृतिक खेती का नया मॉडल

मध्य प्रदेश के रीवा जिले के बसामन मामा गो अभयारण्य परिसर में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने प्राकृतिक खेती  (Natural Farming) के मॉडल का शुभारंभ किया. किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती भारत की प्राचीन परंपरा रही है, लेकिन आधुनिक दौर में अधिक उत्पादन की दौड़ में हम इससे दूर होते चले गए. रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों  के अत्यधिक इस्तेमाल ने मिट्टी, पानी और इंसानी स्वास्थ्य-तीनों को नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में प्राकृतिक खेती ही एक सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प है.

रासायनिक खेती से बढ़ी बीमारियां, प्राकृतिक खेती है समाधान

अमित शाह ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण गंभीर बीमारियां तेजी  से बढ़ रही हैं. अनाज में मिले केमिकल धीरे-धीरे जहर बनते जा रहे हैं. इसके उलट, गौमाता के गोबर और गोमूत्र से की गई खेती न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित है, बल्कि इससे शुद्ध, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक अनाज भी मिलता है. उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक 40 लाख से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. रीवा का यह मॉडल देश के हर कोने के किसानों के लिए मार्गदर्शक बनेगा.

पहचान और बाजार की समस्या का होगा समाधान

केंद्रीय मंत्री ने माना कि प्राकृतिक खेती को लेकर सबसे बड़ी चुनौती इसकी पहचान है. बाजार में यह समझना मुश्किल होता है कि कौन-सा अनाज प्राकृतिक खेती से पैदा हुआ है. इसी समस्या के समाधान के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. आने वाले समय में देशभर में 400 से अधिक आधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी, जहां अनाज की जांच कर उसे प्राकृतिक खेती का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इसके साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग का काम  भी सरकार की ओर से किया जाएगा, जिससे किसानों को सही दाम मिल सके.

एक एकड़ से सवा लाख की आय, किसानों की आमदनी बढ़ेगी

अमित शाह (Amit Shah) ने बताया कि रीवा में विकसित पांच-स्तरीय प्राकृतिक खेती मॉडल के जरिए एक ही एकड़ जमीन में सब्जी, दलहन, फल और अन्य फसलों का उत्पादन  संभव है. इससे किसान सालाना सवा लाख रुपए से अधिक की आय कमा सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रमाणन मिलने के बाद किसानों की आय में करीब डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी होगी. कार्यक्रम के दौरान शाह ने गौवंश वन्य विहार का भ्रमण किया और वहां किए गए प्रयासों की सराहना की.

किसान कल्याण को मिलेगा नया प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. राज्य का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में देश के कुल दुग्ध उत्पादन में 20 प्रतिशत योगदान देने का है. इसके लिए गोशालाओं को दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ाकर 40 रुपए प्रति गोवंश कर दी गई है. उन्होंने घोषणा की कि आने वाला साल किसान कल्याण  वर्ष के रूप में मनाया जाएगा और पूरे प्रदेश में कृषि उत्सव आयोजित किए जाएंगे.

Published: 27 Dec, 2025 | 12:22 PM

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