क्लाइमेट चेंज से लेकर भूकंप तक, सब पर नजर रखेगा ISRO-NASA का NISAR सैटेलाइट

यह दुनिया का पहला ऐसा उपग्रह होगा जिसमें दो अलग-अलग बैंड वाले रडार सिस्टम लगाए गए हैं-NASA का L-बैंड और ISRO का S-बैंड. खास बात यह है कि यह सैटेलाइट बादलों, घने जंगलों और यहां तक कि अंधेरे में भी बेहद सटीक डेटा जुटा सकेगा.

नई दिल्ली | Published: 26 Jul, 2025 | 03:15 PM

हमारी पृथ्वी हर पल बदल रही है कहीं बर्फ पिघल रही है, कहीं जंगल सिमट रहे हैं, तो कहीं जमीन खिसक रही है. इन सभी बदलावों को अब पहले से बेहतर तरीके से समझने का समय आ गया है. इसी लक्ष्य को लेकर भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO और अमेरिका की NASA मिलकर 30 जुलाई को एक ऐतिहासिक मिशन लॉन्च करने जा रहे हैं, जिसका नाम है- NISAR मिशन.

यह दुनिया का पहला ऐसा उपग्रह होगा जिसमें दो अलग-अलग बैंड वाले रडार सिस्टम लगाए गए हैं-NASA का L-बैंड और ISRO का S-बैंड. खास बात यह है कि यह सैटेलाइट बादलों, घने जंगलों और यहां तक कि अंधेरे में भी बेहद सटीक डेटा जुटा सकेगा. निसार को शाम 5:40 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV-F16 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा.

क्या है निसार और क्यों है खास?

NISAR यानी NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar, एक पृथ्वी अवलोकन (Earth Observation) उपग्रह है. यह हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी का स्कैन करेगा और जलवायु परिवर्तन, बर्फ की परतों, जमीन की दरारों, समुद्र के स्तर में बदलाव जैसी सूक्ष्म घटनाओं की सटीक जानकारी देगा. इस मिशन का कुल बजट करीब 12,500 करोड़ रुपये है.

मिशन का मकसद क्या है?

  • बाढ़, भूकंप और तूफानों जैसी आपदाओं की निगरानी
  • समुद्र के बढ़ते स्तर की सटीक जानकारी
  • फसलों, जंगलों और मिट्टी में हो रहे बदलावों का विश्लेषण
  • बर्फ की चादरों और ग्लेशियरों की स्थिति पर नजर
  • वैश्विक जलवायु परिवर्तन की दिशा में वैज्ञानिकों की मदद

कितनी ऊंचाई से करेगा निगरानी?

निसार को 743 किलोमीटर ऊंची कक्षा (Sun-Synchronous Orbit) में स्थापित किया जाएगा. वहां से यह उपग्रह हर मौसम और हर समय बेहद साफ तस्वीरें और डेटा भेजेगा. इसकी निगरानी क्षमता इतनी उन्नत होगी कि यह धरती पर 242 किलोमीटर की चौड़ाई में हो रहे बदलावों को भी साफ-साफ देख सकेगा.

तकनीक की ताकत: SAR रडार

इस सैटेलाइट में Synthetic Aperture Radar (SAR) तकनीक का इस्तेमाल हुआ है. इस तकनीक से बेहद उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें मिलती हैं, चाहे वह रात हो या दिन, बारिश हो या घना कोहरा. इसका 12 मीटर का रडार एंटीना फोल्ड होकर अंतरिक्ष में खुलेगा, जो NASA ने तैयार किया है.

आपदाओं की मिलेगी चेतावनी

निसार मिशन न सिर्फ विज्ञान की दुनिया में एक नया अध्याय है, बल्कि यह आम लोगों की जिंदगी से भी सीधा जुड़ा होगा. आपदाओं की समय रहते चेतावनी मिलेगी, किसानों को मौसम और मिट्टी की जानकारी पहले से मिल पाएगी और वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने में बड़ी मदद मिलेगी.