बिहार में नर्सरी क्रांति शुरू.. सरकार दे रही 50 फीसदी मदद, किसानों की होगी दोहरी कमाई और हरियाली बढ़ेगी

बिहार सरकार किसानों के लिए नर्सरी आधारित कृषि वानिकी को बढ़ावा दे रही है. इससे किसानों को कम लागत में गुणकारी पौधे मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी. नई नर्सरी बनाने पर 50% अनुदान भी दिया जा रहा है. यह योजना गांवों में हरियाली, रोजगार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी.

नोएडा | Updated On: 11 Dec, 2025 | 07:38 PM

Nursery Development : बिहार सरकार अब कृषि वानिकी को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. गांवों में हरियाली बढ़े, किसानों की कमाई बढ़े और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो-इसी लक्ष्य के साथ राज्य सरकार ने नर्सरी आधारित पौध उत्पादन को प्राथमिकता दी है. कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरित भारत-समृद्ध भारत विजन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की कृषि केंद्रित नीतियों के अनुरूप बिहार में पौध उत्पादन को बड़े स्तर पर बढ़ाया जा रहा है. इसके लिए 2025-26 में केंद्र प्रायोजित कृषि वानिकी योजना के तहत 3 करोड़ 28 लाख 50 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. यह राशि नर्सरी निर्माण, पौध उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण और किसानों को सस्ते पौधे उपलब्ध कराने में खर्च की जाएगी.

गुणवत्तायुक्त पौध तैयार होंगे और किसानों की आय बढ़ेगी

सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध हों. इसके तहत गम्हार, सेमल, नीम, मालाबार, शीशम और अन्य इमारती तथा गैर-इमारती पौधों का बड़े पैमाने  पर उत्पादन किया जाएगा. इससे किसानों को पौध उत्पादन में नई कमाई का रास्ता मिलेगा और लकड़ी आधारित उद्योगों को भी स्थानीय स्तर पर आवश्यक कच्चा माल आसानी से मिलेगा. इससे कार्बन अवशोषण बढ़ेगा, हरित आवरण मजबूत होगा और पर्यावरण संतुलन  को नई दिशा मिलेगी. यह कदम प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भी अहम भूमिका निभाएगा. आने वाले वर्षों में यह मॉडल किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्थायी स्रोत बन सकता है.

नई नर्सरियों को 50 फीसदी अनुदान

योजना के तहत किसान और निजी संस्थान यदि नई नर्सरी स्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. 0.5 हेक्टेयर की स्मॉल नर्सरी के लिए 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी, जिससे छोटे किसान भी पौध उत्पादन से जुड़ सकें. वहीं, पहले से संचालित निजी नर्सरियों को क्षमता बढ़ाने के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति नर्सरी सहायता दी जाएगी. इससे गांवों में रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे और स्थानीय युवा पौध उत्पादन, मार्केटिंग और प्रबंधन में जुड़कर स्थायी आजीविका प्राप्त कर सकेंगे. सरकार का मानना है कि नर्सरी आधारित उद्यम आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकते हैं.

सफल मॉडल का अनुभव और नई तकनीक से जुड़ाव

किसानों को आधुनिक कृषि वानिकी तकनीक से जोड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जा रहे हैं. किसानों को उन क्षेत्रों का भ्रमण कराया जाएगा जहां कृषि वानिकी को अपनाकर अच्छी कमाई की जा रही है, ताकि वे पौध प्रबंधन, विपणन और आय बढ़ाने के तरीकों को नजदीक से देख सकें. साथ ही स्थानीय नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी सहायता दी जाएगी. कृषि मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा कि बिहार सरकार कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीक , नवाचार और हरित विकास से जोड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. नर्सरी आधारित कृषि वानिकी मॉडल आने वाले वर्षों में हरित बिहार बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.

Published: 11 Dec, 2025 | 10:22 PM

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