डिजिटल खेती की ओर ओडिशा का बड़ा कदम, केंद्र सरकार ने दिया 155 करोड़ का तोहफा

केंद्र सरकार ने ओडिशा को डिजिटल कृषि सुधारों के लिए 155 करोड़ रुपये की मदद दी है. यह राशि डिजिटल क्रॉप सर्वे और किसान रजिस्ट्री लागू करने पर मिली है. इससे योजनाओं का लाभ किसानों तक पारदर्शी और तेज तरीके से पहुंचेगा. खेती को डेटा आधारित बनाने में यह कदम अहम माना जा रहा है.

नोएडा | Updated On: 29 Dec, 2025 | 06:36 PM

Digital Agriculture: खेती आज सिर्फ हल और खेत तक सीमित नहीं रह गई है. मोबाइल, डेटा और डिजिटल तकनीक अब किसानों की ताकत बन रही है. इसी दिशा में ओडिशा ने एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. केंद्र सरकार ने ओडिशा को डिजिटल कृषि सुधारों के लिए 155 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी है. यह मदद राज्य में डिजिटल क्रॉप सर्वे और किसान रजिस्ट्री को सफलतापूर्वक लागू करने पर मिली है. माना जा रहा है कि इससे किसानों को योजनाओं का लाभ आसान, तेज और पारदर्शी तरीके से मिलेगा.

डिजिटल खेती के लिए क्यों मिली 155 करोड़ की मदद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह राशि विशेष केंद्रीय सहायता  (SCA) के तहत दी गई है, जो एग्रीस्टैक पहल का हिस्सा है. केंद्र सरकार ने ओडिशा के प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के बाद राज्य को इस सहायता के लिए योग्य माना. इस रकम का मकसद खेती को डेटा आधारित बनाना है, ताकि सही जानकारी के आधार पर योजनाएं तैयार की जा सकें. डिजिटल व्यवस्था से न सिर्फ सरकारी सिस्टम मजबूत होगा, बल्कि किसानों को भी सीधा फायदा मिलेगा.

पैसा कहां-कहां होगा खर्च, जानिए पूरा बंटवारा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुल 155 करोड़ रुपये में से 100 करोड़ रुपये डिजिटल क्रॉप  सर्वे के लिए दिए गए हैं. वहीं, किसान रजिस्ट्री के पहले माइलस्टोन को पूरा करने पर 55.48 करोड़ रुपये की राशि मिली है. डिजिटल क्रॉप सर्वे से यह साफ हो सकेगा कि किस खेत में कौन सी फसल बोई गई है. वहीं किसान रजिस्ट्री के जरिए राज्य में किसानों का प्रमाणित और सत्यापित रिकॉर्ड तैयार किया गया है, जिससे योजनाओं का सही लाभ सही किसान तक पहुंच सके.

किसान रजिस्ट्री से क्या बदलेगा किसानों का जीवन

किसान रजिस्ट्री का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब योजनाओं में गड़बड़ी और दोहराव की समस्या कम होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सिस्टम से PM-KISAN, CM Kisan, फसल बीमा और दूसरी कृषि योजनाओं  का पैसा सीधे और पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंचेगा. फर्जी लाभार्थियों पर रोक लगेगी और सरकार को भी यह साफ पता रहेगा कि किस किसान को किस योजना का लाभ मिल रहा है. इससे भरोसा बढ़ेगा और समय पर मदद संभव होगी.

डिजिटल क्रॉप सर्वे से सरकार और किसान दोनों को फायदा

डिजिटल क्रॉप सर्वे से खेत स्तर पर सटीक जानकारी मिलती है. इससे सरकार को यह अंदाजा लगाने में आसानी होगी कि किस इलाके में कितनी फसल बोई  गई है और उत्पादन कितना हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इससे सरकारी खरीद, भंडारण और योजना वितरण की तैयारी बेहतर होगी.

Published: 29 Dec, 2025 | 08:30 PM

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