क्या टारगेट से पीछे रह जाएगा पंजाब, 2 दिन बचा है समय.. फिर भी 5 फीसदी कम है गेहूं की खरीद

किसान संगठनों ने भी निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी का स्वागत किया है. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहां ने कहा कि जब व्यापारी सरकार की मंडियों से उचित दाम पर खरीदते हैं, तो इससे किसानों को ठगा हुआ महसूस नहीं होता.

नोएडा | Updated On: 13 May, 2025 | 03:39 PM

पंजाब की मंडियों में अब 128.25 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है. इसमें से 117.25 लाख टन खरीदी सरकारी एजेंसियों द्वारा की गई है. जबकि 11 लाख टन व्यापारियों ने खरीदा है. खास बात यह है कि पंजाब के अंदर करीब 40 साल में निजी व्यापारियों द्वारा पहली बार इतनी अधिक मात्रा में गेहूं की खरीदी की गई है. हालांकि, राज्य अभी भी केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य 124 लाख टन से थोड़ा पीछे ही है. क्योंकि सरकारी एजेंसियों द्वारा अभी तक 117.25 लाख टन ही गेहूं खरीदा गया है. यानी एजेंसियां अभी अपने टारगेट खरीद से 5.44 फीसदी पीछे हैं. जबकि प्रदेश में गेहूं खरीद सीजन लगभग पूरी हो गई है.

हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि व्यापारियों द्वारा गेहूं खरीद के आंकड़े में इजाफा होना अच्छे संकेत हैं. क्योंकि निजी व्याजारी MSP रेट 2425 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा कीमत पर गेहूं की खरीद कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि संगरूर और पटियाला में निजी व्यापारियों ने 2,640 रुपये प्रति क्विंटल तक गेहूं का रेट दिया है, जो MSP से 200 रुपये ज्यादा है. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में पंजाब में निजी व्यापारियों की भागीदारी बढ़ेगी. इससे किसानों की सरकारी खरीद पर निर्भरता कम होगी. मार्केट कॉम्पिटिशन बढ़ने से किसानों की ज्यादा कमाई भी होगी.

15 मई तक होगी गेहूं की खरीद

मंडी बोर्ड के अनुसार, गेहूं खरीद प्रक्रिया के 15 मई को खत्म होने वाली है, लेकिन इससे पहले मंडियों में अभी और 50,000 से 1 लाख टन गेहूं आने की उम्मीद है. हालांकि, राज्य सरकार ने शुरुआत में 132 लाख टन गेहूं आने का अनुमान लगाया था, लेकिन कुछ कारणों से यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया. निजी क्षेत्र की इस तेज भागीदारी के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, जिनमें दिल्ली-कटरा हाईवे के आसपास नए फ्लोर मिलों की संख्या में बढ़ोतरी प्रमुख है. इस क्षेत्र में 50 से ज्यादा नई मिलें खुली हैं, जिससे दिल्ली और आसपास के राज्यों की मंडियों तक सीधी पहुंच आसान हो गई है. इससे मिल मालिक सीधे मंडियों से गेहूं खरीदने लगे हैं.

किसान स्टॉक कर रहे गेहूं

पंजाब वीट फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि इस साल जो भारी मात्रा में गेहूं की खरीद हुई है, वह पिछले सीजन में गेहूं कोटा देर से जारी होने के कारण हुई चिंता का नतीजा है. उन्होंने कहा कि किसान इस बार कोई जोखिम नहीं ले रहे हैं. वे अगले 6 से 9 महीनों की जरूरत के लिए पर्याप्त स्टॉक जुटा रहे हैं. हालांकि राज्य तय लक्ष्य से थोड़ा पीछे रह गया, लेकिन पंजाब के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने खरीद प्रक्रिया को संतोषजनक बताया.

Published: 13 May, 2025 | 02:40 PM