2 करोड़ की नौकरी छोड़ 6 गायों से शुरू किया सफर, आज 200 गायों का सफल डेयरी फार्म
Kisan India Annapurna Summit 2025 : धनश्री फूड के फाउंडर दुष्यंत भाटी ने 2 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट नौकरी छोड़कर पशुपालन को अपनाया. सिर्फ 6 गायों से शुरू हुआ उनका सफर आज 14 एकड़ के फार्म और 200 गायों तक पहुंच चुका है. सही देखभाल और सीधा ग्राहक मॉडल उनकी सफलता की असली वजह बना.
Kisan India Annapurna Summit 2025 : जब ज्यादातर लोग लाखों का पैकेज पाने का सपना देखते हैं, तब कोई अगर 2 करोड़ रुपये की कॉरपोरेट नौकरी छोड़कर गायों के बीच अपना भविष्य खोज ले, तो कहानी खास बन जाती है. किसान इंडिया (Kisan India) ने किसानों के लिए अन्नपूर्णा समिट 2025 आयोजन किया. अन्नपूर्णा समिट 2025 (Annapurna Summit 2025) में डेयरी सेक्टर के कई बड़े विशेषज्ञ मौजूद हुए. उनमें से एक नाम दुष्यंत भाटी है. धनश्री फूड के फाउंडर दुष्यंत भाटी की कहानी ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया. यह सिर्फ करियर बदलने की कहानी नहीं है, बल्कि मेहनत, भरोसे और सही सोच से पशुपालन को मुनाफे का मजबूत बिजनेस बनाने की मिसाल है.
कॉरपोरेट की चमक छोड़ गांव की मिट्टी को चुना
धनश्री फूड के फाउंडर दुष्यंत भाटी
किसान इंडिया के अन्नपूर्णा समिट 2025 में दुष्यंत भाटी (Dushyant Bhati) ने बताया कि उन्होंने एक समय पर 2 करोड़ रुपये सालाना पैकेज वाली कॉरपोरेट नौकरी छोड़ी. उस वक्त कई लोगों ने उनके फैसले पर सवाल उठाए, लेकिन दुष्यंत ने अपने मन की सुनी. उन्हें लगा कि पशुपालन में सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि समाज और किसानों के लिए भी बड़ा अवसर छिपा है. उन्होंने बिना किसी बड़े संसाधन के सिर्फ 6 गायों से अपने सफर की शुरुआत की. धीरे-धीरे अनुभव बढ़ा, समझ बनी और काम आगे बढ़ता चला गया.
6 गायों से 200 गायों तक का सफर
आज दुष्यंत भाटी का फार्म 14 एकड़ में फैला हुआ है और उनके पास करीब 200 गायें हैं. उन्होंने बताया कि यह सफलता किसी जादू से नहीं, बल्कि रोज की मेहनत और सही देखभाल से मिली है. उनका मानना है कि अगर गाय को सही समय पर चारा, साफ पानी और आराम मिले, तो वह खुद अच्छा दूध देती है. उन्होंने कभी सिर्फ संख्या बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि गुणवत्ता और देखभाल को प्राथमिकता दी.
दूध से लेकर मिठाइयों तक, सीधा ग्राहक तक मॉडल
अन्नपूर्णा समिट दुष्यंत भाटी ने बताया कि पशुपालन को सिर्फ दूध बेचने तक सीमित नहीं रखा. उन्होंने अपने फार्म से दूध, मिठाइयां और दूसरे डेयरी उत्पाद तैयार कर सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का मॉडल बनाया. इसके लिए उन्होंने मोबाइल ऐप, रेस्टोरेंट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू किए. इससे बिचौलियों की जरूरत खत्म हुई और किसानों को सही दाम मिलने लगे. ग्राहक भी जानते हैं कि उन्हें शुद्ध और ताजा उत्पाद मिल रहा है.
नस्ल से ज्यादा जरूरी है सही देखभाल
समिट में दुष्यंत भाटी ने साफ कहा कि पशुपालन में नस्ल से ज्यादा जरूरी गाय की देखभाल होती है. अगर देखभाल सही हो, तो सामान्य नस्ल की गाय भी अच्छा उत्पादन दे सकती है. अब दुष्यंत डेयरी उत्पादों के एक्सपोर्ट की तैयारी कर रहे हैं. उनका मानना है कि भारतीय डेयरी उत्पादों की दुनिया में बड़ी मांग है. उनकी कहानी आज के युवाओं और किसानों के लिए यह संदेश देती है कि सही सोच और मेहनत से पशुपालन भी करोड़ों का सफल बिजनेस बन सकता है.