गलती से भी न खिलाएं यह अनाज, बन सकता है गाय-भैंस की मौत की वजह, जानें कैसे करें बचाव

बहुत से किसान अपने पशुओं को प्यार से खिलाते-पिलाते हैं, लेकिन कई बार अनजाने में की गई एक छोटी सी गलती उन बेजुबानों के लिए मौत का कारण बन जाती है.

नई दिल्ली | Published: 14 Oct, 2025 | 10:49 AM

livestock: पशुपालन केवल रोजमर्रा की मेहनत का काम नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी भी है. जानवर बोल नहीं सकते, इसलिए उनकी छोटी-सी तीफ या बीमारी को पहचानना भी पशुपालक का कर्तव्य होता है. बहुत से किसान अपने पशुओं को प्यार से खिलाते-पिलाते हैं, लेकिन कई बार अनजाने में की गई एक छोटी सी गलती उन बेजुबानों के लिए मौत का कारण बन जाती है. ऐसी ही एक गंभीर गलती है नमी वाला या खराब अनाज खिलाना.

खराब अनाज कैसे बनता है जहर?

गाय-भैंस को अक्सर चारे के साथ थोड़ा-बहुत अनाज भी दिया जाता है जैसे गेहूं, मक्का, जौ या बाजरा. इससे पशु को ऊर्जा और पोषण मिलता है. लेकिन समस्या तब होती है, जब यह अनाज सही तरीके से संरक्षित नहीं किया जाता.

नमी वाले या लंबे समय तक खुले में रखे अनाज में धीरे-धीरे फफूंदी (Fungus) लग जाती है. यह फफूंदी हमारी आंखों से हमेशा दिखाई नहीं देती, लेकिन यह अनाज के अंदर जहर यानी माइकोटॉक्सिन (Mycotoxin) पैदा कर देती है. जब यह जहर पशु के पेट में पहुंचता है, तो उसका असर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर दिखाई देने लगता है.

फफूंदी के असर से कैसे बिगड़ती है सेहत?

नमी वाला या फफूंद लगा अनाज खाने के बाद सबसे पहले पाचन क्रिया प्रभावित होती है. पशु घास या चारा खाना कम कर देता है, पेट फूला हुआ दिखने लगता है और अक्सर डकारें भी आने लगती हैं. धीरे-धीरे यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है, जैसे-

क्यों मुश्किल होता है इलाज?

फफूंदी से होने वाली बीमारियों की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इनका कोई सीधा इलाज नहीं होता. जब तक पशुपालक को पता चलता है कि समस्या खराब अनाज के कारण हुई है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. डॉक्टर केवल लक्षणों को कम करने वाली दवाएं दे पाते हैं, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ होना कई बार संभव नहीं होता. इसलिए इसका एकमात्र उपाय है-सावधानी और रोकथाम.

फफूंदी से बचाने के आसान उपाय

स्वस्थ अनाज से बढ़ेगा दूध और ताकत

अगर आप अपने पशु को साफ, सूखा और ताजा अनाज खिलाते हैं, तो उसका पाचन तंत्र मजबूत रहता है और दूध उत्पादन भी स्थिर रहता है. स्वस्थ पशु न केवल अधिक दूध देता है बल्कि उसकी प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी बढ़ती है.

ध्यान रखें,पशु आपकी कमाई का साधन ही नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा होते हैं. उनकी सुरक्षा और सेहत आपके हाथ में है. इसलिए अगली बार जब आप उन्हें चारा या अनाज खिलाने जाएं, तो जरूर देखें कि कहीं उसमें नमी या फफूंदी का जरा-सा भी असर तो नहीं है.

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