सरकार का बड़ा फैसला, अब धान खरीदी के बाद 24 घंटे में होगा भुगतान.. किसानों को सीधा फायदा

आंध्र प्रदेश सरकार ने खरीफ खरीदी में किसानों को 24 घंटे में भुगतान का नियम लागू कर राहत दी. पहले दस दिनों में 90,843 मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिससे 11,850 किसानों को लाभ मिला. ई-क्रॉप रजिस्ट्रेशन से प्रक्रिया तेज हुई. TDP सरकार ने पीक सीजन में मिलरों को अधिक धान खरीदने का निर्देश भी दिया.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 17 Nov, 2025 | 10:58 AM

Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश सरकार ने खरीफ खरीदी सीजन में किसानों को 24 घंटे के भीतर भुगतान करने का नियम लागू कर बड़ी राहत दी है, जिससे पारदर्शिता और कामकाज में तेजी आई है. पहले दस दिनों में ही राज्य ने 90,843 मीट्रिक टन धान खरीदा, जिसकी कीमत 215.62 करोड़ रुपये है. इससे सीधे 11,850 किसानों को लाभ पहुंचा है. वहीं, राज्य सरकार के इस फैसले से किसान काफी उत्साहित हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस साल धान बेचकर उन्हें अच्छा मुनाफा होगा.  अधिकारियों के अनुसार, आंध्र प्रदेश में खरीदी तेजी से चल रही है.

खास बात यह है कि किसानों के हित को देखते हुए, TDP सरकार ने उसी दिन भुगतान अनिवार्य  किया है. मिलरों को पीक सीजन में किसानों का समर्थन करने के लिए मानक नियमों से अधिक धान खरीदने का निर्देश भी दिया गया है. इस खरीफ मार्केटिंग वर्ष में सरकार का लक्ष्य 51 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना है, जो फरवरी के अंत तक जारी रहेगा. इसके लिए राज्य ने 12,200 करोड़ रुपये का बजट रखा है.

ई-क्रॉप रजिस्ट्रेशन है अनिवार्य

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए ई-क्रॉप रजिस्ट्रेशन  अनिवार्य किया गया है, जिससे भुगतान की प्रक्रिया तेज और सही तरीके से हो सके. यह मॉडल पिछले अनुभवों से बिल्कुल अलग है, जब किसान अनबेचे हुए धान को सड़कों पर रखने, छह महीने तक भुगतान की देरी और बिचौलियों के कारण बिना मदद के संघर्ष करते थे.

2,500 किलो प्रति एकड़ उत्पादन

पिछले साल से, TDP नेतृत्व वाली सरकार ने धान खरीदी के नियमों में बदलाव किया है, जिससे फसल खरीद  आसान और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित हो गया है. पहले भुगतान में हफ्तों लगते थे, पिछले साल इसे 48 से 76 घंटे में कर दिया गया और अब यह सिर्फ 24 घंटे में हो रहा है. कृषक कागिथा कृष्णा, पेडाना मंडल के, कहते हैं कि इस सिस्टम से उन्हें बहुत राहत मिली. मैंने सात एकड़ में धान की खेती की, औसतन 2,500 किलो प्रति एकड़ उत्पादन हुआ. कटाई के बाद मैंने सीधे मशीलीपट्टनम के मिलर्स को धान बेचा और विवरण दिया. मेरे बैंक खाते में राशि 24 घंटे में जमा हो गई, यह अनुभव बहुत अच्छा रहा.

छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू

वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू की है और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य  के साथ बोनस दे रही है. छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि वह राज्य के किसानों को सर्वाधिक भाव 3100 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है. लेकिन, एक किसान 21 क्विंटल उपज ही बेच सकेगा. राज्य सरकार की इस कैपिंग से बड़े किसानों की मुश्किल बढ़ सकती है. क्योंकि, इतना भाव खुले बाजार में किसानों नहीं मिल रहा है. किसानों ने कैपिंग लगाने पर नाराजगी जताई है.

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Published: 17 Nov, 2025 | 10:51 AM

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