कड़ाके की ठंड में मवेशियों की सेहत खतरे में, इन तीन आसान उपायों से बढ़ेगा दूध उत्पादन
सर्दियों में मवेशियों पर ठंड का असर तेजी से बढ़ जाता है. ठंडी हवा, मौसम बदलना और बीमारियों का खतरा दूध उत्पादन कम कर देते हैं. ऐसे समय में कुछ सरल उपाय अपनाकर मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सकता है. सही रख-रखाव, अच्छा आहार और समय पर देखभाल से उनकी सेहत और दूध दोनों बेहतर रहते हैं.
Cattle Health : सर्दियां शुरू होते ही मवेशियों के लिए परेशानी का मौसम आ जाता है. ठंडी हवाएं, बदलता मौसम, घास की कमी और बीमारी का खतरा.. इन सबका असर सीधे दूध उत्पादन पर पड़ता है. मवेशी पालक अक्सर इस समय ज्यादा खर्च और कम कमाई की समस्या से जूझते हैं. लेकिन अगर कुछ आसान उपाय समय रहते अपना लिए जाएं, तो मवेशियों को न सिर्फ बीमारियों से बचाया जा सकता है, बल्कि उनकी सेहत और दूध उत्पादन दोनों अच्छे रखे जा सकते हैं. आज हम आपको ऐसे तीन जरूरी उपाय बता रहे हैं, जो हर पशुपालक को सर्दियों में जरूर ध्यान रखने चाहिए.
ठंड से बचाव सबसे जरूरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में मवेशियों को ठंडी हवाओं से बचाना सबसे महत्वपूर्ण होता है. उनकी रहने वाली जगह चारों तरफ से ढकी होनी चाहिए, ताकि हवा अंदर न आ सके. अगर मवेशी खुले शेड में बंधे हों, तो जूट के बोरे या तिरपाल से चारों तरफ हल्की दीवार जरूर बना दें. छोटे बछड़ों को ठंडी हवा का सबसे ज्यादा असर होता है, इसलिए उन्हें बोरे या कपड़े से ढककर रखना अच्छा होता है. अगर शेड में बिजली की व्यवस्था हो, तो हल्का इलेक्ट्रिक हीटर लगाना फायदेमंद है, लेकिन यह ध्यान रखें कि हीटर मवेशियों की पहुंच से काफी ऊपर हो. शेड के पास धीमी आग भी जलाई जा सकती है, इससे प्राकृतिक गर्मी मिलती है. बस इतना ध्यान रखें कि धुआं बाहर निकलने की पर्याप्त जगह हो, वरना मवेशियों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
सर्दियों में आहार का खास ध्यान रखें
ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए मवेशियों को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें पौष्टिक आहार सही मात्रा में दिया जाए. हरी घास जैसे बरसीम, ज्वार, मक्का और लूसर्न सर्दियों में बेहद फायदेमंद होते हैं. लेकिन ध्यान रहे-चारा ज्यादा देने से भी समस्या हो सकती है. सही मात्रा में संतुलित आहार ही उन्हें स्वस्थ रखता है. पानी पीने में भी मवेशी ठंड के कारण कतराते हैं, इसलिए उन्हें हल्का गुनगुना पानी पिलाना अच्छा रहता है. इससे पाचन ठीक रहता है और दूध उत्पादन भी बेहतर होता है.
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सर्दियों में बीमारियों से बचाव
ठंड बढ़ने पर मवेशियों में निमोनिया, खुरपका-मुंहपका और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका है समय पर टीकाकरण कराना. अगर किसी वजह से पहले टीका नहीं लग पाया हो, तो अभी भी लगवाया जा सकता है. बस इससे पहले मवेशियों को क्रीमी नाशक दवा जरूर दी जानी चाहिए. साफ-सफाई का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. शेड सूखा होना चाहिए और गीली जगहों पर मवेशियों को नहीं रखना चाहिए, वरना ठंड जल्दी लग जाती है.
इससे बढ़ेगा दूध उत्पादन
सर्दियों में अगर मवेशियों को गर्म जगह, पौष्टिक खाना और बीमारी से सुरक्षा मिल जाए, तो उनका दूध उत्पादन कम नहीं होता बल्कि कई बार बढ़ भी जाता है. स्वस्थ मवेशी ज्यादा एक्टिव रहते हैं और उनका पाचन बेहतर होता है, जिससे सीधे दूध पर असर पड़ता है.