सर्दियों में बत्तख पालन बना कमाई का नया जरिया, कम खर्च में किसान उठा रहे बड़ा मुनाफा
सर्दी के मौसम में बत्तख पालन किसानों के लिए बड़ी कमाई का आसान तरीका बन गया है. कम खर्च, कम बीमारी और ज्यादा अंडे देने की क्षमता इसे बेहद फायदेमंद बनाती है. खेत में छोड़ देने पर खिलाना भी आसान हो जाता है. सही देखभाल के साथ यह आय बढ़ाने का भरोसेमंद विकल्प बन सकता है.
Duck Farming : ठंड का मौसम आते ही गांवों में बकरी और मुर्गी पालन की परेशानी बढ़ जाती है, लेकिन इसी मौसम में एक ऐसा पक्षी है जो किसानों की कमाई बढ़ा सकता है-बत्तख. कम देखभाल, कम खर्च और ज्यादा अंडे.. यही वजह है कि आज बत्तख पालन का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. कई किसान अब इसी के सहारे अपनी आमदनी दोगुनी कर रहे हैं. बत्तख पालन ग्रामीण इलाकों में नई उम्मीद की तरह उभरा है. जहां खेती की बढ़ती लागत किसानों को परेशान कर रही है, वहीं बत्तख ऐसे विकल्प के रूप में सामने आई है जो कम समय में बेहतर फायदा दे सकती है. आइए समझते हैं कि बत्तख पालन ठंड में क्यों सबसे फायदेमंद माना जाता है और इसकी शुरुआत कैसे की जा सकती है.
कम खर्च में शुरू होता है मुनाफे वाला सफर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बत्तख में रोगों से लड़ने की क्षमता काफी ज्यादा होती है. इस वजह से इनके इलाज, दवा और देखभाल पर ज्यादा खर्च नहीं होता. खाने-पीने का खर्च भी कम आता है, क्योंकि इन्हें खेतों में छोड़ दिया जाए तो ये घास, कीड़े और दाने खुद ही तलाश कर लेती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1000 बत्तखों से शुरुआत करने पर करीब 3 लाख 75 हजार रुपये का खर्च आता है. इसमें रहने, खाने और शुरुआती देखभाल का पूरा खर्च शामिल है. खास बात यह है कि एक बार बत्तख तैयार हो जाएं तो ये लंबे समय तक कमाई कराती रहती हैं. किसानों के लिए यह सबसे बड़ा फायदा है कि बत्तख बिना ज्यादा रखरखाव के अच्छा लाभ दिलाती हैं. यह कम जगह में भी आसानी से पाली जा सकती हैं और समूह में रहना इन्हें ज्यादा पसंद आता है.
शुरुआती दिनों में तापमान और सुरक्षा का रखें ध्यान
जब छोटे चूज़े लाए जाते हैं तो उन्हें ठंड और जंगली जानवरों से बचाना बेहद जरूरी होता है. रिपोर्ट के अनुसार, चूजों को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां बिल्ली, सांप या अन्य जानवर पहुंच न सकें. इसके लिए पिंजरे या सुरक्षित कमरे का इस्तेमाल किया जाता है. बत्तख के चूजों को 2 सप्ताह तक करीब 35 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. इसके बाद तापमान धीरे-धीरे घटाकर 4 सप्ताह में लगभग 25 डिग्री तक कर सकते हैं. इतना समय होने पर बत्तख मजबूत हो जाती हैं और बाहर छोड़ने पर खुद से खाना भी तलाश लेती है. ठंड का मौसम इनके लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन शुरुआती हफ्तों में गर्माहट जरूरी होती है. यही छोटी-सी देखभाल आगे बड़ी कमाई में बदल जाती है.
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अंडा और मीट-दोनों से दोगुना फायदा
बत्तख की खासियत यह है कि यह दोहरे उद्देश्य वाली पक्षी मानी जाती है. यानी इससे अंडे और मीट दोनों का फायदा मिलता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में कई नस्लें पाई जाती हैं लेकिन सबसे अधिक पसंद की जाने वाली नस्लें खाकी, इंडियन रनर, पैकेंस और नागेश्वरी हैं. इंडियन रनर नस्ल एक साल में लगभग 300 अंडे देने की क्षमता रखती है. वहीं खाकी नस्ल भी अंडा उत्पादन में काफी आगे मानी जाती है. पैकेंस नस्ल मीट और अंडे, दोनों के लिए फायदेमंद होती है. 16 हफ्ते की उम्र के बाद बत्तख अंडे देना शुरू कर देती है. कल्पना कीजिए-अगर 1000 में से 800 बत्तखें रोज अंडा दें और एक अंडा 10 रुपये में बिके, तो सिर्फ अंडों से ही रोजाना लगभग 8000 रुपये की कमाई संभव है.
खेतों में छोड़ दें, खाना भी मिलेगा और खाद भी
बत्तख पालन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनके खानपान में ज्यादा खर्च नहीं होता. रिपोर्ट बताती है कि बत्तखों को धान या अन्य फसल वाले खेतों में छोड़ दिया जाए तो ये वहां पड़े कीड़े, कीट और दानों को खाकर अपना पेट भर लेती हैं. इससे किसान का दाना बचता है. यहीं नहीं, बत्तख के मल से खेत में जैविक खाद भी तैयार होती रहती है. यानी बिना मेहनत के दो फायदे-खाते भी हैं और खेत को उपजाऊ भी बनाते हैं. किसान बताते हैं कि बत्तख खेत में पड़े छोटे-छोटे कीड़ों को खत्म कर देती हैं जिससे फसल में कीट लगने की संभावना भी कम होती है.
कम मेहनत में ज्यादा कमाई का भरोसेमंद विकल्प
बत्तख पालन उन लोगों के लिए बेहद आसान है जिनके पास ज्यादा समय नहीं लेकिन फिर भी वे अतिरिक्त कमाई का विकल्प तलाश रहे हैं. यह एक ऐसा काम है जिसमें रोजाना ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती. एक बार बत्तख तैयार हो जाएं तो बस सुबह-शाम देख लेना काफी होता है. बाकी काम खेत, तालाब या खुले स्थान पर खुद ही कर लेती हैं. यही कारण है कि गांवों में बत्तख पालन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. कम खर्च, कम बीमारी, ज्यादा अंडे और दोगुना फायदा.. यही वजह है कि ठंड के मौसम में बत्तख पालन सबसे समझदारी भरा फैसला माना जा रहा है. कई लोग इसे आज अपने मुख्य व्यवसाय के रूप में भी अपना रहे हैं और मजबूत कमाई कर रहे हैं. अगर आप भी कम लागत पर सुरक्षित और स्थिर आय चाहते हैं, तो बत्तख पालन आपके लिए एक मजबूत और भरोसेमंद विकल्प साबित हो सकता है.