किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! सिर्फ 4000 रुपये में मिलेंगे दो जोड़ी बैल, सरकार दे रही 90% अनुदान

किसानों के लिए सरकार ने जोड़ा बैल वितरण योजना शुरू की है. इसमें किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर दो जोड़ा बैल दिए जाएंगे. सिर्फ 4000 रुपये जमा कर किसान इसका लाभ उठा सकते हैं. आवेदन की आखिरी तारीख 20 नवंबर तय की गई है.

नोएडा | Published: 8 Nov, 2025 | 11:46 AM

Joda Bail Yojana : किसानों के लिए खुशखबरी, झारखण्ड सरकार की ओर से छोटे और सीमांत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जोड़ा बैल योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत किसानों को मात्र 4000 रुपये में मिलेंगे दो जोड़ा बैल- किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है. कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और छोटे किसानों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई यह पहल किसानों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. सरकार द्वारा किसानों को एक जोड़ी बैल की खरीदारी पर 90 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है.

योजना का उद्देश्य-छोटे किसानों को मिलेगा बड़ा सहारा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और छोटे किसानों को खेती के लिए जरूरी साधन सस्ते दर पर उपलब्ध कराना है. सरकार की ओर से किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा, यानी किसानों को केवल 10 प्रतिशत राशि यानी करीब 4000 रुपये अंशदान देना होगा. इस योजना का लाभ खास तौर पर उन किसानों को मिलेगा जो सीमित संसाधनों के साथ खेती करते हैं और जिनके पास महंगे पशुधन खरीदने की क्षमता नहीं है. रिपोर्टों में बताया गया है कि इस पहल से किसानों की बोझ काफी कम होगा और कृषि उत्पादन में तेजी आएगी. इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर भी खुलने की उम्मीद है.

लक्ष्य तय-सीमित संख्या में किसानों को मिलेगा फायदा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना के अंतर्गत कुल 44 जोड़ा बैल वितरण का लक्ष्य रखा गया है. हर प्रखंड के लिए अलग-अलग संख्या तय की गई है ताकि जिले के अधिक से अधिक किसानों तक योजना का लाभ पहुंच सके. इसके तहत लाभुक किसानों को स्वस्थ और नस्लीय रूप से उपयुक्त बैल दिए जाएंगे, जिनका पूरा स्वास्थ्य परीक्षण और लिंग बंध्याकरण पहले से किया गया होगा. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को टिकाऊ और कार्यक्षम पशु मिलें जो लंबे समय तक खेती में सहायक बन सकें.

कौन उठा सकता है लाभ-पात्रता शर्तें स्पष्ट

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, योजना का लाभ  वही किसान उठा सकते हैं जो संबंधित जिले के स्थायी निवासी हों और जिनके पास खेती योग्य भूमि हो. रिपोर्ट बताती है कि इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वर्ग के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और दिव्यांगजनों को विशेष रूप से प्राथमिकता देने का प्रावधान रखा गया है. इस योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों को ग्राम सभा के माध्यम से चयनित किया जाएगा. यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रखी जाएगी ताकि किसी भी स्तर पर भेदभाव न हो.

आवेदन प्रक्रिया- जरूरी दस्तावेज और अंतिम तारीख

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 20 नवंबर तय की गई है. इच्छुक किसान अपने नजदीकी प्रखंड पशुपालन कार्यालय  या जिला पशुपालन विभाग  में जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं. आवेदन के साथ उन्हें कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे-

रिपोर्टों में कहा गया है कि आवेदन के बाद ग्राम सभा द्वारा चुने गए लाभुकों की सूची प्रखंड स्तर पर भेजी जाएगी, जहां से इसे जिला समिति को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा.

योजना का असर-खेती में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

मीडिया रिपोर्टों ने बताया है कि इस योजना से किसानों में नई उम्मीद जगी है. कम लागत पर बैल मिलने से किसान अब आसानी से अपनी जोत जोत सकेंगे, जिससे खेती की उत्पादकता और आत्मनिर्भरता दोनों में वृद्धि होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था  को मजबूत करेगा और पशुधन पर निर्भर खेती करने वाले किसानों को सीधा फायदा देगा. इसके अलावा, इससे आधुनिक खेती के साथ पारंपरिक कृषि पद्धतियों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार और ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी.

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