सर्दियों में हरा चारा बना किसानों की कमाई का जरिया, मक्खन ग्रास से 25 फीसदी तक बढ़ेगा दूध

सर्दियों में जब हरा चारा कम मिल पाता है, तब मक्खन ग्रास किसानों के लिए बड़ी मदद बन रही है. यह घास तेजी से बढ़ती है और पशुओं को पसंद भी आती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे खिलाने से दूध उत्पादन में 20-25 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी जा रही है, इसलिए किसान इसे तेजी से अपना रहे हैं.

नोएडा | Published: 7 Dec, 2025 | 05:49 PM

Animal Fodder :  सर्दियों में हरा चारा किसानों के लिए किसी खजाने से कम नहीं होता. गाय-भैंस को जितना अच्छा चारा मिलेगा, उतना ही ज्यादा दूध वे देंगी. ऐसे में एक खास हरी घास इन दिनों किसानों की पसंद बन गई है-मक्खन ग्रास. नाम जैसा मीठा, फायदा उतना ही बड़ा! पशु विशेषज्ञों का दावा है कि इसे खिलाने से दूध उत्पादन 20-25 फीसदी तक बढ़ सकता है. आइए जानते हैं, क्यों यह घास पशुपालकों के लिए गेम-चेंजर साबित हो रही है.

क्यों खास है मक्खन ग्रास?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में हरा चारा  मिलना मुश्किल हो जाता है, जिससे दूध उत्पादन में कमी आने लगती है. लेकिन मक्खन ग्रास इस समस्या का आसान समाधान है. यह घास बहुत तेजी से बढ़ती है और इसमें कीड़ों का भी हमला नहीं होता. इसका स्वाद नरम होता है, जिसे पशु आसानी से खा लेते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, बरसीम की जगह अगर आप गाय-भैंस को मक्खन ग्रास खिलाते हैं, तो दूध उत्पादन में 20-25 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी जा सकती है. इस घास में लगभग 14-15 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है, जो पशुओं की सेहत और दूध की गुणवत्ता  दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है.

बुवाई का सही समय और कटाई

मक्खन ग्रास सर्दियों का बेहतरीन चारा माना जाता है. इसकी बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच की जाती है. अगर किसान अक्टूबर में बोते हैं तो लगभग 35-40 दिन में पहली कटाई मिल जाती है. इसके बाद हर 20-25 दिन में अगली कटाई तैयार हो जाती है. एक सीजन में किसान इस घास से 5-6 कटाई आराम से ले सकते हैं, जिससे पूरे सीजन हरा चारा मिलता है. बीज की बात करें तो 1 किलो बीज प्रति हेक्टेयर काफी होता है. यह बरसीम की तरह ही बोया जाता है, लेकिन उत्पादन और पोषण  दोनों में इससे बेहतर साबित होता है.

किसानों में तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता

मक्खन ग्रास की शुरुआत लगभग चार साल पहले पंजाब और हरियाणा में की गई थी. शुरुआत में केवल 2,000 किलो बीज बोया गया था, लेकिन किसानों को जब इसका फायदा दिखा, तो मांग तेजी से बढ़ गई. आज अकेले पंजाब में ही 100 मीट्रिक टन बीज की जरूरत पड़ रही है. किसान इसकी तेजी से बढ़ने की क्षमता, ज्यादा कटाई और दूध  वृद्धि के फायदे की वजह से इसे बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं. यही कारण है कि सिर्फ पंजाब-हरियाणा में ही 150 टन से ज्यादा बीज बिक चुका है.

कीमत और उपलब्धता

मक्खन ग्रास का बीज बाजार में आसानी से मिल जाता है. इसकी कीमत लगभग 400 रुपये प्रति किलो है. किसान इसे नजदीकी कृषि बीज भंडार, कृषि केंद्र या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं. कई पशुपालकों का कहना है कि यह घास गाय-भैंस की सेहत  सुधरती है, शरीर में गर्माहट बनाए रखती है और दूध की मात्रा तथा गुणवत्ता दोनों बढ़ाती है. इसलिए यह सर्दियों में बेहद लाभदायक साबित होती है.

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