फिर तेजी से फैल रहा लंपी रोग, देसी नुस्खों से पशु को मिल सकती है बड़ी राहत.. जानें आसान उपाय
देश के कई राज्यों में लंपी बीमारी तेजी से फैल रही है, जिससे पशुपालक परेशान हैं. सही देखभाल और देसी नुस्खों से पशु को घर पर ही राहत दी जा सकती है. घाव, बुखार और कमजोरी जैसे लक्षणों में ये उपाय काफी असर दिखाते हैं. समय पर इलाज और साफ-सफाई बेहद जरूरी है.
Lumpy Disease: सर्द हवाओं के साथ देश में एक और समस्या लौट आई है-लंपी रोग. ठंड के मौसम में वैसे ही पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और ऊपर से यह बीमारी अचानक तेजी से फैलने लगती है. बिहार, यूपी, एमपी और राजस्थान जैसे राज्यों में फिर से अलर्ट जारी हो चुका है. गांवों में पशुपालक बेचैन हैं, क्योंकि यह रोग गाय-भैंस जैसी दूध देने वाली पशुओं की सेहत पर सीधा असर डालता है. कई जगहों पर पशु मरने की खबरें भी सामने आ रही हैं. ऐसे समय में देसी नुस्खे और घरेलू इलाज कई पशुपालकों के लिए राहत बनकर सामने आए हैं, जिनसे पशु घर पर ही ठीक होने लगे हैं.
ठंड में लंपी का बढ़ता असर, कई राज्यों में अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश के कई राज्य में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा है. अब तक 4 पशुओं की मौत हो चुकी है, जिससे इलाके के पशुपालकों में डर बढ़ गया है. सरकार ने तुरंत कंट्रोल रूम बना दिया है, जहां सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक फोन कर मदद ली जा सकती है. ठंड के मौसम में यह बीमारी ज्यादा तेजी से फैलती है, क्योंकि इस समय मच्छर और मक्खी जैसे कीट सक्रिय रहते हैं, जो वायरस को एक पशु से दूसरे पशु तक पहुंचाते हैं.
घर पर ही करें इलाज, ज्यादा खर्च की जरूरत नहीं
अगर आपके पास डॉक्टर तुरंत नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. कई देसी तरीके ऐसे हैं जो लंपी रोग में काफी असर दिखा रहे हैं. पशुपालकों का कहना है कि इन घरेलू नुस्खों से पशु की ताकत लौटती है, बुखार कम होता है और घाव जल्दी सूखने लगते हैं. पहली देसी विधि में 10 पान के पत्ते और 10 ग्राम काली मिर्च को पीसकर पेस्ट बनाया जाता है. इसमें थोड़ा गुड़ मिलाकर हर 3 घंटे में पशु को खिला दें. इससे पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर में जमा वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है. यह तरीका गांवों में अभी बहुत लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि यह सस्ता भी है और आसानी से उपलब्ध भी.
दूसरी घरेलू विधि-पोषक और वायरस से लड़ने में कारगर
कुछ पशुपालक दूसरी विधि का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, जो और भी असरदार मानी जाती है. इसमें लहसुन, धनिया, जीरा, दालचीनी का पत्ता, काली मिर्च, हल्दी, पान के पत्ते, प्याज और चिरायता का पाउडर जैसे कई प्राकृतिक चीजें मिलाई जाती हैं. इस मिश्रण में 100 ग्राम गुड़ डालकर पेस्ट तैयार किया जाता है. पहले दिन हर 3 घंटे में यह मिश्रण पशु को देना होता है. दूसरे दिन से यह खुराक दिन में दो बार देनी चाहिए. इस देसी दवा से पशु में कमजोरी कम होती है, भूख बढ़ती है और बुखार में राहत मिलती है. कई किसान बताते हैं कि इसका असर 24 घंटे में दिखने लगता है.
घाव होने पर ऐसे करें देखभाल, ध्यान रखना जरूरी
लंपी रोग में पशु के शरीर पर लाल सूजन और कई गहरे घाव बन जाते हैं. इन घावों में दर्द बहुत होता है और अगर देखभाल ठीक से न हो तो कीड़े भी पड़ सकते हैं. घाव भरने के लिए कुप्पी का पत्ता, नीम का पत्ता, 20 ग्राम हल्दी, मेंहदी और तुलसी को मिलाकर पेस्ट बनाना बहुत कारगर माना जाता है. इस पेस्ट को नारियल या तिल के तेल में उबालकर एक देसी मलहम तैयार किया जाता है. इस दवा को लगाने से पहले घाव को साफ करना जरूरी है. यह मिश्रण घाव को सूखने में मदद करता है और दर्द भी कम करता है.
घाव में कीड़े पड़ जाएं तो ये उपाय करें, बहुत असरदार
अगर घाव में कीड़े पड़ गए हैं, तो पहले दिन घाव पर नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएं. कपूर घाव को सूखा रखता है और कीड़ों को मार देता है. इसके बाद सीताफल के पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाएं और घाव पर लगाएं. यह घाव को भरने में तेजी लाता है और सूजन भी कम करता है. पशु के घाव जल्द सूखने लगते हैं और 2-3 दिन में काफी सुधार दिखने लगता है.