मई के आखिरी हफ्ते से जून की शुरुआत तक चलने वाला नौतपा सिर्फ इंसानों के लिए नहीं, बल्कि पशुओं के लिए भी बड़ी चुनौती लेकर आता है. इस बार 2 जून तक नौतपा प्रभावी रहेगा और मौसम विभाग के अनुसार कई जिलों में तापमान 47 डिग्री तक पहुंच सकता है. इस नौ दिनों की भीषण गर्मी में सबसे ज्यादा खतरा होता है गाभिन गायों और छोटे बछड़ों को. अगर समय रहते जरूरी एहतियात न बरती जाए तो दूध उत्पादन से लेकर जानवरों की सेहत तक पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में देसी और सरल उपाय अपनाकर पशुओं को इस गर्मी से राहत दी जा सकती है.
गाय-बछड़ों के लिए पोषण और निगरानी जरूरी
तेज गर्मी में गर्भवती गायों और नवजात बछड़ों की हालत जल्दी बिगड़ती है. इनके शरीर में पानी और जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे थकावट, सुस्ती और चारा न खाने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. पशु विशेषज्ञों की मानें तो इस समय उनके खाने में मिनरल मिक्स, विटामिन्स और ठंडी चीजें जैसे गुड़-चना या नीम की छांव में रखा भूसा शामिल करें. रोज उनके चलने-फिरने, बैठने और व्यवहार पर नजर रखें, ताकि किसी भी बदलाव को समय रहते पकड़ा जा सके.
पशुओं में हीट स्ट्रेस दिखे तो देर न करें
नौतपा के दिनों में पशुओं को हीट स्ट्रेस यानी गर्मी से झटका लगने की आशंका बढ़ जाती है. अगर कोई गाय बार-बार बैठती-उठती है, जीभ बाहर निकालती है, पानी नहीं पीती या शरीर पर गर्मी ज्यादा महसूस होती है तो समझ जाइए कि हालत नाजुक है. ऐसा होने पर तुरंत उसे छाया में लाएं, ठंडा पानी पिलाएं और गीले कपड़े से उसका शरीर ढकें. जरूरत हो तो पास के पशु अस्पताल से संपर्क करें.
छांव और पानी सबसे जरूरी
जहां भी पशु रखे जाते हैं, वहां की जगह ठंडी, हवादार और धूप से बची होनी चाहिए. लू से बचाने के लिए ये सबसे पहला और असरदार तरीका है. ध्यान रखें कि पानी हमेशा साफ और ताजा होना चाहिए, ताकि जानवर उसे आराम से पी सकें. क्योंकि गंदा या गरम पानी जानवरों की तबीयत बिगाड़ सकता है. ऐसे में रोज पानी की बाल्टी भरकर रखें और धूप में गरम न होने दें.
चराई का समय बदलें
पशु विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक जानवरों को चराने से बचें. क्योंकि इस समय तापमान चरम पर होता है. अगर बाहर ले जाना जरूरी हो तो उनके शरीर पर गीला कपड़ा रखें या ठंडा पानी छिड़कें. कोशिश करें कि उन्हें ज्यादा देर धूप में न रखा जाए. पेड़ों की छांव या अस्थायी टेंट जैसे उपाय भी कारगर साबित हो सकते हैं.