गांव-देहात में सुअर पालन बना किसानों की पहली पसंद, जानें कैसे करें शुरुआत

सुअर पालने में न तो बहुत ज्यादा जगह की जरूरत होती है और न ही महंगे खाने की. फिर भी इनका वजन जल्दी बढ़ता है और बच्चे भी ज्यादा होते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 24 Apr, 2025 | 04:34 PM

पिछले कुछ सालों में सुअर पालन ग्रामीण भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. पहले जहां इसे केवल परंपरागत तौर पर किया जाता था, अब किसान और युवा उद्यमी इसे एक मुनाफे वाला व्यवसाय मानकर अपनाने लगे हैं. कारण है कम लागत, आसान देखभाल और तेजी से मुनाफा. अगर इस काम को वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, तो बहुत कम समय में अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.

सुअर पालन के 5 बड़े फायदे

1. कम खर्च, ज्यादा मुनाफा

सुअर पालने में न तो बहुत ज्यादा जगह की जरूरत होती है और न ही महंगे खाने की. फिर भी इनका वजन जल्दी बढ़ता है और बच्चे भी ज्यादा होते हैं. जिसके कारण कमाई भी अधिक होती है.

2. तेजी से बढ़ने वाली नस्लें

सुअर की नस्लें जैसे यॉर्कशायर, लैंडरेस और ड्यूरोक तेजी से बढ़ती हैं और इनमें मांस भी ज्यादा होता है, जिसकी बाजार में खूब मांग है.

3. एक साल में दो बार बच्चे

एक मादा सुअर साल में दो बार बच्चे देती है और एक बार में 8 से 12 बच्चे. यानी 1 साल में 16 से 24 सुअर का जन्म होता है.

4. इससे भी कमाई

सुअर से मांस के अलावा उनकी खाल, बाल और हड्डियों का भी व्यवसायिक उपयोग होता है.

5. देश-विदेश में मांग

पॉर्क यानी सुअर मांस की मांग भारत के साथ-साथ विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है. इससे निर्यात करने का भी मौका मिलता है.

सुअर पालन शुरू कैसे करें?

सही जगह चुनें- सुअर पालन के लिए ऐसी जगह होनी चाहिए जहां धूप और छांव दोनों हों और हवा की आवाजाही ठीक हो.

मजबूत और साफ-सुथरा शेड बनाएं- हर सुअर को 8 से 10 वर्ग मीटर जगह जरूरत होती है. शेड में पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए और चारों ओर मजबूत बाड़ लगाना न भूलें.

नस्ल का सही चयन करें- अगर आप जल्दी मुनाफा चाहते हैं तो यॉर्कशायर, लैंडरेस या हेम्पशायर जैसी नस्लें पालें. ये तेजी से बढ़ती हैं और मांस ज्यादा देती हैं.

खाने का ध्यान रखें- सुअर को अनाज, हरी सब्जियां और प्रोटीनयुक्त चारा देना चाहिए. इससे उनका विकास तेज होता है.

नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी- सुअरों को समय पर टीके लगवाएं और समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहें. इससे बीमारियों से बचाव होता है.

कितना खर्चा और कितना मुनाफा?

अगर आप 10 सुअरों से शुरुआत करते हैं, तो करीब ₹1.5 लाख से ₹2 लाख का खर्च आता है. इसमें शेड बनाना, आहार और सुअर खरीदना शामिल है. एक बार जब सुअर बड़े हो जाते हैं और उनके बच्चे होने लगते हैं, तो 10 सुअरों से आप ₹1.5 से ₹2 लाख तक की कमाई कर सकते हैं और वो भी सालभर में दो बार.

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