पंजाब में पराली जलाने की घटना में अचानक बढ़ोतरी, एक दिन में आए 30 से अधिक मामले.. ये जिला रहा अव्वल

पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता बिगड़ रही है. शनिवार को 33 नए मामले सामने आए, कुल संख्या 241 पहुंची. मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 238 दर्ज हुआ. सरकार ने नियम उल्लंघन पर जुर्माना और 81 किसानों की जमीनों में ‘रेड एंट्री’ की है.

Kisan India
नोएडा | Published: 19 Oct, 2025 | 11:07 AM

Punjab News: पंजाब में जैसे-जैसे मौसम सूखा हो रहा है और धान की कटाई तेज हो रही है, खेतों में पराली जलाने की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं. शनिवार को इस सीजन की अब तक की सबसे ज्यादा 33 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे कुल संख्या 241 हो गई है. पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) के आंकड़ों के मुताबिक, 33 में से 23 मामले सिर्फ तरनतारन जिले में सामने आए, जिससे यह अब तक का सबसे अधिक प्रभावित जिला बन गया है. अमृतसर दूसरे नंबर पर है, जहां अब तक 80 घटनाएं हो चुकी हैं.

अधिकारियों का कहना है कि मालवा बेल्ट में अभी कटाई तेजी से शुरू नहीं हुई है, जबकि आमतौर पर पराली जलाने  के सबसे ज्यादा मामले इसी इलाके से आते हैं. पिछले साल मालवा के संगरूर जिले में सबसे अधिक 1,725 मामले सामने आए थे, जबकि पूरे पंजाब में कुल 10,909 घटनाएं हुई थीं. PRSC हर साल पराली जलाने की निगरानी 15 सितंबर से शुरू करता है और यह निगरानी 30 नवंबर तक चलती है, जो धान की शुरुआती कटाई के साथ मेल खाती है.

पराली जलाने की घटनाओं में उछाल

दिवाली से कुछ दिन पहले पराली जलाने की घटनाओं में यह उछाल चिंता बढ़ा रहा है, क्योंकि त्योहार के दौरान वैसे ही वायु प्रदूषण  अपने चरम पर होता है. पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की एक बड़ी वजह माना जाता है. धान की कटाई के बाद गेहूं की बुआई का समय बहुत कम होता है. इसलिए किसान सरकार की अपील और जिला प्रशासन की निगरानी के बावजूद जल्दी खेत खाली करने के लिए पराली जलाते हैं.

किसानों की जमीनों में 81 ‘रेड एंट्री’

अब तक नियम तोड़ने वाले किसानों की जमीनों में 81 ‘रेड एंट्री’  की गई है, जिससे वे न तो लोन ले सकते हैं और न ही जमीन बेच या गिरवी रख सकते हैं. 104 मामलों में राज्य सरकार ने कुल 5.15 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया है, जिसमें से 3.65 लाख रुपये वसूले भी जा चुके हैं.

राज्य की हवा गुणवत्ता पर दिखने लगा असर

पराली जलाने की घटनाओं का असर अब राज्य की हवा की गुणवत्ता पर दिखने लगा है. कई शहरों में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 5060 से बढ़कर 100 से ऊपर पहुंच गया है.  शनिवार को फतेहगढ़ साहिब जिले के मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 238 दर्ज किया गया, जो राज्य में सबसे प्रदूषित शहर रहा. इसके बाद जालंधर (148) और लुधियाना (114) का स्थान रहा, जो अब ‘मॉडरेट’ श्रेणी में आ चुके हैं. ऐसी हवा में लंबे समय तक रहना खासकर दिल और फेफड़ों के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?

Side Banner

फलों और सब्जियों के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?