मुर्गियों को भी होता है सर्दी-जुकाम? बीमारी से बचाने के लिए करें ये आसान उपाय

सर्दियों के मौसम में मुर्गियों में सर्दी-जुकाम और सांस से जुड़ी बीमारियां तेजी से फैलती हैं. तापमान गिरने और लापरवाही से नुकसान बढ़ता है. समय पर देखभाल, सही तापमान और खानपान से मुर्गियों को स्वस्थ रखा जा सकता है और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है.

नोएडा | Updated On: 27 Dec, 2025 | 05:38 PM

Poultry Health: सर्दियों का मौसम जहां इंसानों के लिए राहत लेकर आता है, वहीं मुर्गी पालकों के लिए यह चिंता बढ़ाने वाला समय होता है. गिरता तापमान, ठंडी हवा और नमी की वजह से मुर्गियों में सर्दी-जुकाम, कोरिजा और सांस से जुड़ी बीमारियां तेजी से फैलती हैं. कई बार सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आने लगती है और समय पर देखभाल न होने पर भारी नुकसान भी झेलना पड़ता है. थोड़ी सी सावधानी और सही देखभाल से इन बीमारियों से बचाव आसान हो सकता है.

सर्दियों में क्यों बीमार पड़ जाती हैं मुर्गियां

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में तापमान अचानक गिरने से मुर्गियों की रोग  प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. खासकर चूजे और कमजोर मुर्गियां ठंडी हवा और नमी को सहन नहीं कर पातीं. खुले या अधूरे ढके बाड़े, ठंडी फर्श और सही गर्मी न मिलने से सर्दी-जुकाम और कोरिजा जैसी बीमारियां जल्दी पकड़  लेती हैं. इन बीमारियों में मुर्गियों को सांस लेने में परेशानी होती है, जिससे उनकी वृद्धि और उत्पादन दोनों प्रभावित होते हैं.

इन लक्षणों से करें बीमारी की पहचान

रिपोर्ट्स के अनुसार, सर्दी-जुकाम या कोरिजा से पीड़ित मुर्गियों के लक्षण  पहचानना ज्यादा मुश्किल नहीं होता. सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना, मुंह खोलकर सांस लेना, आंख और नाक से पानी गिरना, सुस्ती और एक जगह बैठ जाना इसके आम संकेत हैं. कई बार मुर्गियां खाना भी कम कर देती हैं. अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया गया, तो बीमारी तेजी से फैल सकती है और मौत का खतरा भी बढ़ जाता है.

बाड़े और तापमान का सही इंतजाम जरूरी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों में मुर्गियों के बाड़े में सही तापमान बनाए रखना सबसे जरूरी है. फर्श पर बिछावन की मोटाई करीब 6 इंच रखनी चाहिए, ताकि ठंड जमीन से ऊपर न आए. गर्मी बनाए रखने के लिए बल्ब, हीटर या सुरक्षित  तरीके से अंगीठी का उपयोग किया जा सकता है. ठंडी हवा से बचाव के लिए बाड़े को मोटे पर्दों या तिरपाल से ढकना फायदेमंद होता है. चूजों के लिए तापमान पर खास नजर रखना जरूरी है, ताकि वे ठंड से बीमार न पड़ें.

खान-पान, सफाई और अलगाव से होगा बचाव

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि सर्दियों में मुर्गियों के खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए. चूजों को मक्का, बाजरा, प्रोटीन से भरपूर  दाना और हमेशा साफ व हल्का गुनगुना पानी देना चाहिए. बीमार दिखने वाली मुर्गियों को तुरंत अलग रखना जरूरी है, ताकि संक्रमण दूसरों में न फैले. बाड़े की नियमित सफाई, समय पर दवा और टीकाकरण से भी बीमारियों से बचाव होता है. लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ सलाह लेना नुकसान को काफी हद तक कम कर सकता है.

Published: 27 Dec, 2025 | 11:30 PM

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