बारिश के दिनों में मुर्गियों को ना दें ऐसे चारा, वरना फैल सकती है गंभीर बीमारी

बरसात के मौसम में नमी और उमस की वजह से मुर्गियों के चारे में फंगस और कीड़े पनपने लगते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं.

नोएडा | Published: 27 Jun, 2025 | 03:27 PM

बरसात का मौसम केवल इंसानों के लिए ही नहीं, बल्कि मुर्गियों के लिए भी चुनौती बनकर आता है. हवा में नमी बढ़ने से मुर्गियों के चारे और दाने में फंगस व कीड़ों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो ये चारा न केवल मुर्गियों की सेहत बिगाड़ सकता है, बल्कि फार्म में गंभीर बीमारियां भी फैला सकता है. इसलिए हर पोल्ट्री पालक को इस मौसम में खास सावधानी बरतनी चाहिए.

नमी से बढ़ता है खतरा

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी का स्तर बढ़ जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर मुर्गियों को दिया जा रहा चारा नमी सोख ले तो उसमें फंगस पनपने लगता है. इतना ही नहीं, यह फंगस धीरे-धीरे आहार को सड़ा देता है और मुर्गियों के पेट में जाकर संक्रमण पैदा करता है. अगर इसमें जरा सी लापरवाही बरती गयी तो इस स्थिति में मुर्गियों की मौत भी हो सकती है.

मूंगफली की खली से बढ़ती है समस्या

आमतौर पर मूंगफली की खली का इस्तेमाल पोल्ट्री आहार में होता है, लेकिन बरसात में यह सबसे जल्दी खराब होने वाला घटक बन जाता है. इससे निपटने के लिए जरूरी है कि ज्यादा पुराने चारे का उपयोग न किया जाए और हमेशा ताजा आहार ही दिया जाए. खासतौर पर बरसात में खली को अच्छे ढंग से सुखाकर ही स्टोर करें.

सीधे जमीन पर न रखें चारा

बरसात के मौसम में चारे की बोरियों को सीधे जमीन पर रखने से उनमें नमी घुस सकती है. इससे बचने के लिए चारे को लकड़ी के पट्टे पर रखें या फिर स्टोर करने के लिए ऊंची अलमारी का इस्तेमाल करें. कोशिश करें कि स्टोर रूम में हवा आने-जाने की व्यवस्था हो ताकि नमी बाहर निकल सके.

हर 15 दिन में खरीदें नया आहार

पुराना और बासी आहार मुर्गियों की सेहत बिगाड़ सकता है. इसलिए हर 10 से 15 दिन के अंदर ताजा आहार खरीदें. साथ ही मुर्गियों के लिए इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को भी रोज साफ करें और धूप में सुखाएं. इससे बैक्टीरिया और फंगस का खतरा कम होगा. ध्यान दें कि बरसात के मौसम में मुर्गियों के आहार को लेकर थोड़ी सी लापरवाही भारी नुकसान दे सकती है.