खेती से नहीं बन रही बात? तो इस देसी गाय का करें पालन, कम चारे में रोज देगी 18 लीटर दूध!
Dairy Farming: खेती से घटती आमदनी के बीच पशुपालन किसानों और युवाओं के लिए भरोसेमंद कमाई का साधन बन रहा है. देसी नस्ल की एक खास गाय, जिसे सफेद सोना कहा जाता है, कम खर्च और साधारण चारे में अच्छा दूध देती है. इसकी मजबूत सेहत और स्थिर उत्पादन इसे मुनाफे का बेहतर विकल्प बना रहे हैं.
Tharparkar Cow Breed : आज के समय में जब खेती से आमदनी सीमित होती जा रही है, तब पशुपालन लोगों के लिए कमाई का भरोसेमंद रास्ता बनता जा रहा है. खासकर गाय पालन में एक ऐसी देसी नस्ल है, जिसे पशुपालक प्यार से सफेद सोना कहते हैं. वजह साफ है-कम खर्च, साधारण चारा और फिर भी भरपूर दूध. यही कारण है कि यह गाय अब किसानों और युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इस गाय को थारपारकर के नाम से जाना जाता है.
पशुपालन से बदल रही लोगों की किस्मत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज गांव ही नहीं बल्कि शहरों के पढ़े-लिखे युवा भी पशुपालन को करियर के रूप में अपना रहे हैं. लेकिन सही नस्ल के पशु की जानकारी न होने से कई बार नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में थापरपारकर नस्ल की देसी गाय पशुपालकों के लिए बेहतरीन विकल्प मानी जा रही है. इसकी खासियत है कि यह कम देखभाल में भी अच्छा दूध देती है और लंबे समय तक उत्पादन बनाए रखती है.
कम चारे में ज्यादा दूध देने वाली गाय
थारपारकर गाय (Tharparkar Cow Breed) की सबसे बड़ी ताकत इसका दूध उत्पादन है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह गाय रोजाना करीब 15 से 18 लीटर दूध आराम से दे देती है. खास बात यह है कि यह सामान्य गायों की तरह ही साधारण हरा-सूखा चारा खाती है. महंगे आहार की जरूरत नहीं होती, फिर भी दूध की मात्रा बनी रहती है. यही वजह है कि इसे दुधारू सोना भी कहा जाता है.
मौसम की मार से नहीं पड़ता फर्क
यह गाय भीषण गर्मी और कड़ाके की सर्दी दोनों को सहन करने में सक्षम होती है. अन्य नस्लों की तुलना में इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा पाई जाती है, जिससे यह जल्दी बीमार नहीं पड़ती. कम बीमारी का मतलब है कम खर्च और ज्यादा बचत. यही कारण है कि पशुपालक इसे लंबे समय तक पालना पसंद करते हैं.
पहचान, कीमत और कमाई का गणित
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस गाय का रंग आमतौर पर सफेद या हल्का धूसर होता है. पीठ पर हल्की रंगीन धारियां दिखाई देती हैं. शरीर मजबूत, कान चौड़े और पूंछ लंबी होती है. बाजार में इसकी कीमत 20 हजार से 60 हजार रुपये के बीच बताई जा रही है. दूध के साथ-साथ इससे बने उत्पाद भी अच्छी कमाई का जरिया बनते हैं. एक ब्यांत में यह गाय करीब 1500 से 2200 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. कम खर्च, अच्छा उत्पादन और मजबूत सेहत के चलते किसान इससे कम समय में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. सही देखभाल और नियमित ध्यान के साथ यह गाय वाकई पशुपालकों के लिए “सफेद सोना” साबित हो सकती है.