बरसात में दुधारू पशुओं को पैरों की सड़न से ऐसे बचाएं, नहीं तो दूध देना हो जाएगा बंद!

बरसात में दुधारू पशुओं को पैरों की सड़न नामक बीमारी होने की आशंका रहती है. इससे पैर में सूजन, बदबू और लंगड़ापन होता है. साफ-सफाई, समय पर इलाज और कीचड़ से बचाव ही इसका सबसे अच्छा उपाय है.

नोएडा | Updated On: 2 Sep, 2025 | 04:34 PM

बरसात का मौसम जहां एक ओर खेतों के लिए खुशहाली लाता है, वहीं दूसरी ओर यह दुधारू पशुओं के लिए कई बीमारियां भी लेकर आता है. खासकर पैरों की सड़न यानी फुट रॉट की बीमारी इन दिनों आम हो जाती है. यह बीमारी पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन दोनों पर बुरा असर डालती है. बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय ने पशुपालकों को इस बीमारी को लेकर सजग रहने की सलाह दी है.

क्या है पैरों की सड़न (फुट रॉट)?

बरसात के मौसम में जब पशु लगातार कीचड़ और गीली जमीन में खड़े रहते हैं, तो उनके खुरों में संक्रमण हो जाता है. इस संक्रमण को ही आम भाषा में पैरों की सड़न या फुट रॉट कहा जाता है. यह बीमारी बैक्टीरिया के कारण होती है, जो गीले और गंदे माहौल में तेजी से पनपते हैं. यह बीमारी खासकर उन दुधारू पशुओं को होती है, जो दिनभर गीली मिट्टी में खड़े रहते हैं और जिनकी साफ-सफाई पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जाता.

पहचानें इसके लक्षण

बिहार सरकार, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार, पैरों की सड़न को समय रहते पहचानना बहुत जरूरी है ताकि पशु का सही इलाज समय पर हो सके. इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:-

अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो बीमारी गंभीर हो सकती है और पशु दूध देना भी बंद कर सकता है.

बचाव के आसान उपाय

पशुपालकों को चाहिए कि बरसात के मौसम में अपने पशुओं की विशेष देखभाल करें. पैरों की सड़न से बचाने के लिए ये उपाय बहुत असरदार हो सकते हैं:-

समय पर इलाज है जरूरी

अगर पशु में फुट रॉट के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. खुद से कोई दवा न दें. डॉक्टर की सलाह से एंटीसेप्टिक दवा या स्प्रे लगाया जा सकता है. सही समय पर इलाज मिलने से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है और पशु फिर से सामान्य तरीके से दूध देने लगता है.

Published: 2 Sep, 2025 | 04:34 PM

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