3 अक्टूबर से शुरू होगी धान की खरीद, इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य.. वरना नहीं मिलेगा MSP का लाभ

हिमाचल के कांगड़ा जिले में 3 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होगी. भारी बारिश और बाढ़ से फसल की गुणवत्ता प्रभावित हुई है, जिससे किसानों को FCI मानकों के तहत फसल खारिज होने का डर है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 27 Sep, 2025 | 12:53 PM

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा में धान की खरीद 3 अक्टूबर से शुरू होगी. उपायुक्त हेमराज बैरवा ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि खरीद शुरू होने से पहले अनाज मंडियों में पर्याप्त भंडारण की व्यवस्था और सभी काम सुचारु रूप से पूरे हों. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल का विवरण सरकार के ‘सही फसल सही दाम’ पोर्टल पर जरूर दर्ज करें. उन्होंने चेतावनी दी कि जो किसान यह पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलने में देरी हो सकती है.

इस बार केंद्र सरकार ने धान का एमएसपी 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. बैरवा ने कहा कि यह पोर्टल पारदर्शिता बनाए रखने और खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ियों को रोकने के लिए शुरू किया गया है. हमारा उद्देश्य है कि अनाज मंडियां किसान-हितैषी बनें और उन्हें समय पर भुगतान मिले. उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, भारतीय खाद्य निगम (FCI), कृषि विभाग और कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खरीद केंद्रों  पर प्लेटफॉर्म का विस्तार करें, आवारा पशुओं से सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल बनाएं, और शौचालय, बिजली, सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मियों जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएं. साथ ही, धान के नुकसान  से बचाव के लिए किराये के अतिरिक्त गोदाम भी तैयार किए जा रहे हैं.

किसान संगठनों ने सुविधाओं को लेकर जताई चिंता

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ये निर्देश ऐसे समय पर दिए गए हैं जब किसान संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों ने मंडियों में भंडारण और बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर चिंता जताई है. इस बार खरीदी प्रक्रिया  के सामने एक और चुनौती है. लगातार बारिश और बाढ़ के कारण धान की गुणवत्ता प्रभावित हुई है, जिससे किसानों को डर है कि FCI के मानकों के अनुसार उनकी फसल को खरीदा नहीं जाएगा.

किसानों में अभी भी है नाराजगी

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांगड़ा में धान खरीद की प्रक्रिया का राज्य सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है, क्योंकि यह जिला 15 विधायक भेजता है और निचले हिमाचल की राजनीति  में अहम भूमिका निभाता है. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी इसी जिले के देहरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. सत्ता में मौजूद कांग्रेस पार्टी के लिए इस बार धान की खरीद प्रक्रिया को बिना किसी दिक्कत के पूरा कराना एक बड़ी परीक्षा मानी जा रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों के वोटरों के भरोसे को देखते हुए. बीते वर्षों में किसानों को मंडियों में काफी परेशानियां झेलनी पड़ी हैं, जिससे नाराजगी अब भी बनी हुई है.

बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है धान

वहीं, भाजपा नेता भी इस पूरे प्रोसेस पर नजर रखे हुए हैं, क्योंकि अगर खरीद में कोई गड़बड़ी या लापरवाही  होती है, तो यह मुद्दा आने वाले पंचायत और निकाय चुनावों में बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है. ऐसे जिले के किसानों के लिए इस बार एक और गंभीर चुनौती सामने है. लगातार हुई बारिश और बाढ़ की वजह से धान की गुणवत्ता पर असर पड़ा है. इससे किसानों को डर है कि उनकी फसल को भारतीय खाद्य निगम (FCI) के मानकों के अनुसार खारिज किया जा सकता है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 27 Sep, 2025 | 12:48 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%