किसानों की मेहनत रंग लाई.. 40 साल बाद फिर से बहने लगी पाटली नदी, 10 हजार बीघा खेती को मिला पानी

Patli River Rajasthan: मंदसौर में नीमथुर पहाड़ियों से निकलकर राजस्थान के रामगंज मंडी तक कई किलोमीटर दूरी तक बहने वाली नदी लंबे समय से सूखी हुई थी, जिसे बीते साल से ही पुनर्जीवित करने की कोशिशें की जा रही थीं. इसमें कोटा के किसानों और ग्रामीणों ने बड़ी भूमिका निभाई है.

नोएडा | Updated On: 1 Dec, 2025 | 04:30 PM

Rajasthan Patli River Restored: किसान अगर ठान लें तो क्या नहीं हो सकता है. किसान धरती का सीना चीर फसल उगाने के लिए जाना जाता है तो धरती से पानी निकालने के लिए भी उसका नाम लिया जाता है. अब किसानों ने करीब 40 साल से सूखकर लगभग लुप्त हो चुकी पाटली नदी को फिर से पुनर्जीवित कर दिया है. इसमें किसानों-ग्रामीणों को राज्य सरकार का साथ मिला है. अब अकेले कोटा इलाके की 10 हजार बीघा फसलों को पानी मिलना आसान हुआ है.

मध्य प्रदेश से मंदसौर में नीमथुर पहाड़ियों से निकलकर राजस्थान के रामगंजमंडी तक कई किलोमीटर तक बहने वाली पाटली नदी (Patli River) बीते लंबे समय से पानी का स्रोत ठहरने से सूख गई थी, जिसे बीते साल से ही पुनर्जीवित करने की कोशिशें की जा रही थीं. इसमें कोटा के किसानों और ग्रामीणों ने बड़ी भूमिका निभाई है. लोगों का दावा है कि नदी 40 साल से सूखी पड़ी थी. हालांकि, बारिश के समय नदी में पानी आ जाता था. लेकिन, जलाशयों से जुड़ी नहीं होने के चलते नदी सूख जाती थी.

5 करोड़ रुपये खर्च कर जल स्रोतों को नदी से जोड़ा गया

बीते साल राज्य सरकार ने नदी को पुनर्जीवित करने की बात कही थी. राजस्थान (patli nadi rajasthan) के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के प्रयासों से नदी में फिर से जलधारा बहाने के लिए 5 करोड़ का बजट तय किया गया था. जिसकी मदद से नदी में जल स्रोतों को लाया गया है और इसे फिर से पुनर्जीवित करने में मदद मिली है.

कोटा के किसानों की मदद से पाटली नदी पुनर्जीवित हुई

कोटा ग्रामीण के रामगंज मंडी इलाके में विलुप्त हो चुकी पाटली नदी फिर से पुनर्जीवित होकर यहां के किसानों की तकदीर बदल रही है. इस नदी के पुनर्जीवित होने से आसपास के तीन दर्जन से अधिक गांवों के हजारों किसानों की भूमि पर इसके जरिए सिंचाई की जा रही है.

पाटली नदी में फिर से पानी आने पर स्थानीय लोगों ने खुशी जताई.

10 हजार बीघा भूमि सिंचित, हजारों किसानों की बदली किस्मत

पाटली नदी लम्बे समय से विलुप्त हो गई थी जिसे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के प्रयासों से फिर से पुनर्जीवित किया गया. अब इस नदी में फिर से जलधारा बहने से रामगंज मंडी इलाके की 10 हजार बीघा से खेती वाली जमीन सिंचित हो रही है. इससे दर्जनों गांवों के किसानों को लाभ मिला है. प्रसार भारती की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय लोगों ने पाटली नदी में पानी आने पर खुशी जताई और उन्हें उम्मीद बंधी है कि अब नदीं फिर कभी नहीं सूखेगी.

40 गांवों को पानी पहुंचाती है पाटली नदी

स्थानीय लोगों का दावा है कि पाटली नदी के पुनर्जीवित होने से करीब 40 गांवों की 50 हजार बीघा जमीन को सिंचाई का पानी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. किसानों और ग्रामीणों ने संकल्प लिया है कि अब इस नदी को सूखने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह फसलों की सिंचाई के साथ ही वन्य जीवों के लिए बड़ा सहारा है.

Published: 1 Dec, 2025 | 04:21 PM

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