Mirzapur Water Conservation National Water Award: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की पानी बचाने की पहल ने उसे राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाने के लिए चर्चा के केंद्र में ला दिया है. जिले ने सूख रहे करीब 7 हजार तालाब और कुओं को फिर से जीवित कर उनमें पानी भर दिया. जबकि, सूख चुकीं 3 नदियों में फिर से जलधार बहा दी. इसमें जिले की महिलाओं का बड़ा योगदान रहा, क्योंकि उन्होंने जल संरक्षण की जो अलख जगाई वह आज राष्ट्रपति के हाथों नेशनल वॉटर अवॉर्ड दिलाने तक पहुंच गई. जिले के भूमिगत जल स्तर में लगभग एक मीटर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मिर्जापुर को दिया नेशनल वॉटर अवॉर्ड
उत्तर भारत में जल संरक्षण के क्षेत्र में मिर्जापुर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से नई दिल्ली में छठे नेशनल वॉटर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने इसे जनपद का गौरव बताया और कहा कि यह सफलता जन भागीदारी के बिना संभव नहीं थी. उन्होंने कहा कि मिर्जापुर को जल संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नेशनल वॉटर अवॉर्ड से सम्मानित किया है, जो यहां की महिलाओं की जल संरक्षण के लिए की गई मेहनत का फल है.
महिलाओं की पानी बचाने की मेहनत रंग लाई
जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने कहा कि नारी शक्ति जल शक्ति अभियान के तहत जिले में ग्रामीण जल सखियों को तैनात किया गया, जिन्होंने गांव-गांव लोगों को प्राकृतिक स्रोत के साथ ही बारिश के पानी को बचाने और बर्बाद नहीं करने के लिए प्रेरित किया. जिले में जल संरक्षण जागरूकता फैलाने में सबसे ज्यादा 52 फीसदी महिलाएं शामिल रही हैं और उनके योगदान से जिले ने नया कीर्तिमान बनाया है.
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सूख रही 3 नदियों की जलधार फिर से लौटाई
वित्तीय वर्ष 2024-25 में ‘जल जीवन मिशन’ और ‘अटल भूजल’ कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के चलते जिले में भूमिगत जल स्तर में लगभग एक मीटर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. जल जीवन मिशन के तहत जिले में बहने वाली 3 नदियों को पुनर्जीवित किया गया है. इनमें 15 किलोमीटर तक बहने वाली लोहंदी नदी और 22.2 किलो मीटर तक बहने वाली गरई नदी और कर्णावती नदी के संरक्षण एवं पुनर्जीवित किया गया है. मिर्जापुर में 2019-20 से जल संरक्षण कार्य लगातार चल रहा है.
7 हजार तालाब-कुओं को बचाया और पुनर्जीवित किया गया
भूमि जल संरक्षण के लिए जिले में 1 लाख हाफ मून सिस्टम, 1018 रेन वेस्टिंग सिस्टम, 2615 शोक पिट, 91 पापुलेशन टैंक और 56 पुराने कुओं को रिचार्ज कुआं में बदला गया. 5445 रिचार्ज पॉन्ड और 2639 तालाब बनाए या पुनर्निर्मित किए गए, जिनकी गूगल मैपिंग से निगरानी की जा रही है. जिले में 1031 रूफटॉप रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम और 450 बंधी बनाई गई.
पानी बचाने के लिए जागरूकता फैलाने में 52 महिलाएं
जिला कृषि विभाग ने भी 3894 हेक्टेयर जमीन को स्प्रिंकलर तकनीक से सिंचित कर पानी बचाने के प्रयासों का समर्थन किया है. जबकि, वन विभाग ने पौधरोपण और कम्युनिटी पार्क बनाकर स्थानीय लोगों की जल संरक्षण के लिए भागीदारी बढ़ाई है. नारी शक्ति जल शक्ति अभियान में ग्रामीण जल सखियों ने जागरूकता फैलाई है, जिसमें 52 फीसदी महिलाएं शामिल रहीं.