World Milk Day: दूध से आत्मनिर्भरता तक, जानिए भारत की सबसे बड़ी डेयरी योजनाएं

भारत सरकार ने डेयरी और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. सरकार का मकसद है, दूध उत्पादन बढ़ाना और किसानों को आर्थिक मजबूती दिलाना.

नोएडा | Updated On: 1 Jun, 2025 | 10:38 PM

1 जून को हर साल वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. वहीं, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है. लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने में कई योजनाओं की अहम भूमिका रही है. पशुपालन और डेयरी विभाग के अनुसार देशभर में कई योजनाएं लागू की गई हैं जो किसानों, दुग्ध उत्पादकों और उद्यमियों को सीधा लाभ पहुंचा रही हैं. इन योजनाओं से भारत में न सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ रहा है, बल्कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत मिल रही है. विश्व दुग्ध दिवस के मौके पर जानते हैं भारत की बड़ी डेयरी योजनाएं, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम साबित हुई हैं.

राष्ट्रीय गोकुल मिशन

राष्ट्रीय गोकुल मिशन दिसंबर 2014 में देशी गायों की नस्लों को वैज्ञानिक और समग्र तरीके से सुधारने और बचाने के लिए शुरू किया गया था. 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 तक के लिए इसे 3400 करोड़ रुपये का बजट मिला है. इस मिशन के तहत, 605 जिलों में किसानों को उनके घर पर मुफ्त कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं दी जाती हैं. अब तक 8.87 करोड़ पशु कवर किए गए हैं और 5.42 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचा है. इसका मकसद कृत्रिम गर्भाधान की पहुंच को 30 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी करना है.

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) की शुरुआत 2014 में हुई थी. इसका मकसद है दूध की क्वालिटी सुधारना, उसकी खरीद, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना. 2021 में इस योजना को नया रूप देकर 2025 तक विस्तार दिया गया है. यह योजना राज्य सहकारी डेयरी संघों के जरिए लागू की जा रही है, जिससे गांवों में दूध संग्रहण और मार्केटिंग की व्यवस्था और मजबूत हो रही है.

राष्ट्रीय पशुधन मिशन

2014-15 में शुरू हुआ राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) अब रोजगार और व्यवसाय का बड़ा जरिया बन चुका है. इस मिशन के तहत नस्ल सुधार, चारा विकास और नई तकनीकों पर जोर दिया गया है. इसका मकसद है कि देश में दूध, मांस, अंडा और ऊन की उत्पादन क्षमता इतनी बढ़े कि घरेलू जरूरतों के साथ-साथ निर्यात में भी भारत आगे आए.

किसानों को आर्थिक ताकत देने वाली योजनाएं

पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के जरिए सरकार ने डेयरी, मांस प्रसंस्करण, चारा संयंत्र और नस्ल सुधार जैसी परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ावा दिया है. वहीं किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना को 2019 के बाद डेयरी किसानों के लिए खोला गया, जिससे लाखों पशुपालकों को आसान ऋण सुविधा का लाभ मिल रहा है.

पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम

5 मार्च 2025 में कैबिनेट ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LH&DCP) के संशोधित रूप को मंजूरी दी. यह योजना तीन हिस्सों में है. पहला, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP), दूसरा, पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (LHDCP), और तीसरा, पशु औषधि.

पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तीन उपघटक भी है. पहला, गंभीर पशु रोग नियंत्रण, दूसरा, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई और तीसरा, राज्यों को पशु रोग नियंत्रण के लिए सहायता. इसके अलावा, सरकार पशु औषधि के लिए 75 करोड़ रुपये का प्रावधान की है, जिसके तहत सस्ती और क्वालिटी वाली पशु दवाओं की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा. जबकि, पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम का कुल बजट 2024-26 के लिए 3,880 करोड़ रुपये है. इसके तहत खुरपका, मुंहपका, ब्रुसेलोसिस, और अन्य रोगों के लिए टीकाकरण मुफ्त है.

Published: 2 Jun, 2025 | 08:00 AM