Uttar Pradesh News: गाजर की बढ़िया डिमांड ने किसानों की पौ-बारह कर दी है. जिन किसानों ने इस बार गाजर की खेती नहीं की है उन्हें अब पछतावा हो रहा है. पश्चिमी यूपी में गाजर की खेती खूब की जाती है, क्योंकि दिल्ली में अधिक खपत के चलते दाम अच्छा मिलता है. गाजर की 80 किलो वजन वाली एक बोरी की कीमत पिछले सीजन में 800 रुपये थी जो इस बार अब 2100 रुपये भाव पर पहुंच गई है. किसानों ने कहा कि गन्ना से ज्यादा गाजर की खेती में कमाई हो रही है.
पश्चिमी यूपी के बागपत समेत कई जिलों में बड़े पैमाने पर किसान गन्ने की खेती करते हैं और इसीलिए पश्चिमी यूपी गन्ना बेल्ट के रूप में जाना जाता है. लेकिन, कुछ किसान यहां पर सर्दियों के लिए गाजर की खेती भी करते हैं. इस बार गाजर की खेती करने वाले किसान बहुत खुश हैं, क्योंकि उनकी गाजर खरीदने के लिए व्यापारियों की टोली पहुंचने लगी है और कीमत भी पिछले साल से दोगुनी से ज्यादा मिल रही है.
गन्ना से 5 लाख पर गाजर से 8 लाख रुपये कमाई
दिल्ली, मेरठ और गुरुग्राम जैसे महानगरों में गाजर की मांग बढ़ने से पिछले साल की तुलना में इस बार दोगुना दाम मिल रहा है. इससे किसानों के चेहरों पर खुशहाली की चमक देखी जा रही है. किसान खुश हो भी क्यों नहीं, क्योंकि गाजरों की मिठास के सामने गन्ना फीका जो हो गया है. किसानों ने कहा कि गन्ना की खेती से 5 लाख रुपये तक कमाई होती है, लेकिन गाजर सिर्फ 3-4 महीने में ही 8 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक की कमाई करा देती है.
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गाजर की पूसा केसर और सुरभि किस्मों की बुवाई
बागपत के कुछ किसानों ने कुछ साल पहले फसल चक्र में बदलाव कर गाजर की खेती करने की पहल की तो यह फायदे का सौदा बनने लगी. खून-पसीना बहाकर साल में जितनी आय किसानों को गन्ना खेती से होती है, उससे दोगुनी कमाई तीन से चार माह में गाजर से हो जा रही है. जिले में 200 से ज्यादा किसानों ने इस बार 100 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर गाजर की उन्नत किस्में पूसा केसर, नारंगी गूदे वाली और सुरभि की खेती की है. किसानों ने बताया कि प्रति हेक्टेयर 300-350 कुंतल गाजर औसत उत्पादन मिल रहा है.
800 रुपये वाली गाजर की बोरी इस बार 2100 रुपये में बिक रही
गाजर की खेती करने वाले किसानों ने कहा कि बीते साल 80 किग्रा वजन वाली गाजरों की एक बोरी की कीमत 800 से 900 रुपये में बिक रही थी, लेकिन इस बार कीमत बढ़कर 1900 से 2100 रुपये तक पहुंच गई है. यह कीमत दिल्ली की आजादपुर तथा ओखाला मंडी, मेरठ, गुरुग्राम और फरीदाबाद की मंडियों में मिल रही है. कीमत बढ़ने की वजह ठंड बढ़ने के साथ गाजर का हलवा और सब्जी के साथ ही सलाद में इस्तेमाल बढ़ने से गाजर की मांग बढ़ी है और दाम भी बढ़ा है.