तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में रविवार रात तो अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. जिले के मिर्दोड्डी, नंगनूर, तोगुटा और कोडपाका मंडलों में करीब 20,000 एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं. तेज आंधी ने कई घरों और पोल्ट्री फार्म की छतें उड़ा दीं. जबिक, पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने से दो मवेशियों की मौत हो गई. वहीं, सरकारी खरीद केंद्रों पर रखा धान बारिश में भीग गया. क्योंकि समय रहते बचाव के उपाय नहीं किए गए थे.
बारिश और ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को भी बहुत अधिक क्षति हुई है. खास कर आम के किसानों को भी भारी नुकसान हुआ, क्योंकि पेड़ों से फल समय से पहले गिर गए. क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे विधायक टी हरीश राव और के प्रभाकर रेड्डी ने किसानों को मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया है. किसानों ने कहा कि यह इस सीजन में तीसरी बार फसल का नुकसान हुआ है और अब सरकार से तुरंत सहायता की मांग की है. किसानों का कहना है कि अगर सरकार की तरफ से आर्थिक मदद मिल जाती है, तो खरीफ धान की खेती करने में कोई परेशानी नहीं होगी.
किसानों को मिलेगा 10,000 रुपये एकड़ मुआवजा
हालांकि, तेंलगानाा की कांग्रेस सरकार ने पिछले महीने ऐलान किया था कि बेमौसम बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. तब शुरुआती अनुमान में कहा गया था कि राज्य में अब तक करीब 24,000 एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं.
मुआवजा बजट से दिया जाएगा
तेलंगाना सरकार भले ही ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ से जुड़ी हो, लेकिन चूंकि यह योजना राज्य में अभी लागू नहीं हो पाई है, इसलिए मुआवजा राज्य के बजट से दिया जाएगा. केंद्र सरकार की तरफ से बेमौसम बारिश में फसल नुकसान पर प्रति एकड़ 6,000 रुपये की सहायता तय है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का फैसला लिया है.