Andhra Pradesh News: इस साल आंध्र प्रदेश में में तंबाकू का बंपर उत्पादन होगा. खास कर FCV (फ्लू क्योरड वर्जीनिया) तंबाकू का उत्पादन 2400 लाख किलो से ज्यादा होने की उम्मीद है, जो कि तंबाकू बोर्ड की तय सीमा 1670 लाख किलो से काफी ज्यादा है. ऐसे में किसानों की बंपर कमाई होगी. वहीं, कर्नाटक में उत्पादन 1000 लाख किलो की सीमा में रहने की उम्मीद है. जबकि, कर्नाटक के बोर्ड करीब 850 लाख किलो तंबाकू की नीलामी की तैयारी कर रहा है. खास बात यह है कि कर्नाटक में 8 अक्टूबर से 10 नीलामी प्लेटफॉर्मों पर नीलामी चल रही है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू बोर्ड के चेयरमैन यशवंत चिदीपोतु ने कहा कि अब तक आंध्र प्रदेश में करीब 2000 लाख किलो तंबाकू की नीलामी हो चुकी है. हम 400 लाख किलो और बेचने की उम्मीद कर रहे हैं. नीलामी अक्टूबर के अंत तक पूरी हो जाएगी. इस साल तंबाकू का औसत दाम 261 रुपये प्रति किलो चल रहा है, जो कि पिछले साल के औसत 292 प्रति रुपये किलो से थोड़ा कम है.
कौन तय करता है फसल सीमा
तंबाकू बोर्ड, जो केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है, हर बुआई सीजन की शुरुआत में FCV तंबाकू की फसल सीमा तय करता है, ताकि इसकी खेती सीमित क्षेत्र में ही हो. हालांकि, अधिकांंश मामलों में किसान इस तय सीमा से ज्यादा तंबाकू की खेती कर लेते हैं. इसके बावजूद बोर्ड अतिरिक्त उत्पादन की भी नीलामी जारी रखता है, लेकिन उस पर अलग से शुल्क (सेस) वसूलता है. अगर अतिरिक्त तंबाकू 10 फीसदी तक है, तो उस पर कोई सेस नहीं लिया जाता, लेकिन हर किलो पर 2 फीसदी सर्विस फीस + 1 रुपये वसूला जाता है.
अगर अतिरिक्त उत्पादन 20 फीसदी से ज्यादा हो जाता है, तो 3 फीसदी सर्विस फीस + 1 रुपये प्रति किलोअतिरिक्त शुल्क लिया जाता है. एफसीवी (FCV) तंबाकू, जो मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और कुछ हद तक तेलंगाना में उगाई जाती है, तंबाकू बोर्ड द्वारा सख्ती से नियंत्रित और निगरानी की जाती है. हालांकि देश में तंबाकू की कहानी इससे कहीं बड़ी है.
एफसीवी तंबाकू का उत्पादन करीब 3200 लाख किलो
तंबाकू बोर्ड के चेयरमैन यशवंत चिदीपोतु के मुताबिक, एफसीवी तंबाकू का उत्पादन करीब 3200 लाख किलो है, जो कि देश में होने वाले कुल 1,1000 लाख किलो तंबाकू उत्पादन का सिर्फ एक-चौथाई हिस्सा है. बाकी तंबाकू जैसे ब्लैक बर्ले जैसी किस्में बोर्ड के नियंत्रण में नहीं आतीं और न ही उन पर निगरानी रखी जाती है. अब गैर-एफसीवी तंबाकू उगाने वाले किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस सेक्टर को भी रेगुलेशन के दायरे में लाया जाए, ताकि उन्हें भी वही सुरक्षा और समर्थन मिल सके, जो एफसीवी तंबाकू किसानों को मिल रहा है.