World No Tobacco Day: तंबाकू से हर साल जाती हैं लाखों जानें, फिर भी कौन से देश हैं सबसे बड़े उत्पादक?

तंबाकू कोई आम चीज नहीं, यह एक ऐसा जहर है जो धीरे-धीरे शरीर को खा जाता है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया में 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती है.

नई दिल्ली | Published: 31 May, 2025 | 11:24 AM

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि तंबाकू सिर्फ आदत नहीं, एक ऐसी लत है जो धीरे-धीरे जान लेती है. दुनियाभर में हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू की वजह से अपनी जान गंवाते हैं. इस साल 2025 की थीम है -“बच्चों को तंबाकू उद्योग के प्रभाव से बचाना”, ताकि अगली पीढ़ी को इस जानलेवा जाल से दूर रखा जा सके.

तंबाकू कोई आम चीज नहीं, यह एक ऐसा जहर है जो धीरे-धीरे शरीर को खा जाता है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया में 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती है.

भले ही हम तंबाकू के नुकसान को लेकर जागरूक हो रहे हैं, लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि तंबाकू की खेती और व्यापार आज भी बड़े पैमाने पर हो रहा है. चलिए इस मौके पर एक नजर डालते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चा तंबाकू (Unmanufactured Tobacco) कौन से देश उगा रहे हैं और भारत का इसमें क्या स्थान है.

दुनिया के टॉप 10 तंबाकू उत्पादक देश

  1.  चीन 22,96,700 टन (मीट्रिक टन में)
  2.  भारत 7,69,671 टन
  3.  ब्राजील 6,83,469 टन
  4.  इंडोनेशिया 2,38,806 टन
  5.  जिम्बाब्वे 2,36,815 टन
  6.  अमेरिका 1,96,160 टन
  7.  पाकिस्तान 1,51,858 टन
  8.  तंजानिया 1,22,859 टन
  9.  अर्जेंटीना 1,07,880 टन
  10.  उत्तर कोरिया 87,427 टन

भारत का स्थान और स्थिति

भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तंबाकू उत्पादक देश है. यहां सालाना करीब 7.7 लाख टन तंबाकू का उत्पादन होता है. तंबाकू न केवल खेती के तौर पर, बल्कि खपत के रूप में भी भारत में बहुत प्रचलित है.

भारत में तंबाकू की खपत के प्रमुख रूप

स्मोकलेस तंबाकू: खैनी, गुटखा, पान मसाला आदि सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले रूप हैं. यह भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले रूप हैं, खासकर ग्रामीण और मजदूर वर्ग में.

धूम्रपान: सिगरेट, बीड़ी आदि का शहरी इलाकों में उपयोग अधिक देखा गया है.

2023 में किए गए एक सर्वे के अनुसार, शहरी भारत में लगभग 36% लोग कभी-कभी सिगरेट पीते हैं, जो कि तंबाकू के चलन को दर्शाता है.

तंबाकू से होने वाले खतरे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर साल 13.5 लाख से अधिक मौतें तंबाकू से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती हैं. फिर भी तंबाकू उत्पाद सस्ते, आसानी से मिलने वाले और विज्ञापनों के जरिए युवाओं को लुभाने वाले बने हुए हैं.