ओडिशा में कृषि का रकबा हआ कम, किसान इतने हेक्टेयर में करेंगे धान, मक्का, ज्वार की खेती

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में खरीफ 2025 के लिए 3,02,690 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसल योजना तय की गई. धान, मक्का, दालें, सब्जियां, तिलहन और मसालों की खेती का लक्ष्य रखा गया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 5 Jul, 2025 | 06:21 PM

ओडिशा के सुंदरगढ़ में शुक्रवार को जिला कृषि रणनीति समिति (DASC) की बैठक हुई, जिसमें खरीफ सीजन 2025 के लिए फसल योजना को अंतिम रूप दिया गया. इस बैठक में एक अहम फैसला लिया गया, जिसमें राज्य सरकार ने सुंदरगढ़ जिले की कुल कृषि भूमि को 3,12,930 हेक्टेयर से घटाकर 3,02,690 हेक्टेयर कर दिया. करीब 10,240 हेक्टेयर कृषि भूमि जो अब खनन, उद्योग और विकास कार्यों में इस्तेमाल हो रही है, उसे फसल योजना से स्थाई रूप से हटा दिया गया.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में तय किया गया कि 1,98,120 हेक्टेयर में धान की खेती होगी, जबकि बाकी 1,04,570 हेक्टेयर में गैर-धान फसलें उगाई जाएंगी. इनमें 11,630 हेक्टेयर में मक्का, 1,300 हेक्टेयर में ज्वार और बाजरा, 13,050 हेक्टेयर में रागी और अन्य छोटे मिलेट्स तथा 30,970 हेक्टेयर में दालों की खेती की योजना बनाई गई है.

13,470 हेक्टेयर में तिलहन की खेती

इसी तरह, सुंदरगढ़ जिले में खरीफ 2025 सीज़न के लिए 13,470 हेक्टेयर में तिलहन, 380 हेक्टेयर में मेस्ता और सनहेम्प, और 28,710 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती का लक्ष्य रखा गया है. मसालों के लिए 4,980 हेक्टेयर और गन्ना व चारे के लिए 80 हेक्टेयर जमीन तय की गई है. कुल मिलाकर 1,49,599 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई सुविधा देने की योजना है. इसके लिए 5 मीडियम सिंचाई प्रोजेक्ट, 29 मेगा लिफ्ट योजनाएं, 874 छोटे सिंचाई प्रोजेक्ट और चेक डैम, 10,431 रिवर लिफ्ट, माइक्रो लिफ्ट और क्लस्टर बोरवेल (OLIC के तहत), OAIC की योजनाएं, प्राइवेट लिफ्ट और खुदाई वाले कुओं से पानी पहुंचाया जाएगा.

गैर-धान फसलों के बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य

जिले के प्रमुख कृषि अधिकारी (CDAO) एलबी मलिक ने कहा कि अच्छी फसल उत्पादन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज बेहद जरूरी हैं. बैठक में 17,320 क्विंटल धान बीज और 2,395.25 क्विंटल गैर-धान फसलों के बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए 22,100 टन केमिकल उर्वरकों का वितरण किया जाएगा, जिसे पंजीकृत डीलरों और 68 सहकारी संस्थाओं के जरिए किसानों तक पहुंचाया जाएगा.

बरगढ़ जिले में धान की खरीद खत्म

वहीं, बरगढ़ जिले में रबी सीजन की धान खरीद आधिकारिक रूप से खत्म हो गई, लेकिन जिले के कई मंडियों में अब भी हजारों क्विंटल धान पड़ा हुआ है. किसान संगठनों के कई बार विरोध और अपील के बावजूद बड़ी मात्रा में धान अब तक मिलों तक नहीं पहुंच पाया है, जिससे किसानों को भुगतान में देरी और बारिश से नुकसान का डर बना हुआ है. इस बार बरगढ़ जिले से 62 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य तय किया गया था. 14 मई से अटाबिरा, बरगढ़ और पद्मपुर डिवीजन की 189 मंडियों में यह अभियान शुरू हुआ था. प्रशासन का दावा है कि लक्ष्य पूरा हो गया, लेकिन किसानों का कहना है कि जमीनी हकीकत कुछ और है.

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Published: 5 Jul, 2025 | 06:15 PM

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