सोयाबीन की खेती देशभर में बड़े पैमाने पर होती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छी उपज भी मिलती है साथ ही अच्छी कमाई भी होती है. लेकिन कई बार किसानों की लापरवाही या सही जानकारी न होने के कारण सोयाबीन की फसल में कीट लग जाते हैं. ये कीट फसल को खराब कर देते हैं. ऐसा होने पर फसल को तो नुकसान होता ही है साथ ही किसानों को भी भारी नुकसान उठाने पड़ते हैं. खबर में आगे बात करेंगे ऐसा ही तीन खतरनाक कीटों की और किसान कैसे इन कीटों से फसल का बचाव कर सकते हैं.
सोयाबीन में लगने वाले 3 कीट
तना छेदक कीट
तना छेदक कीट एक ऐसा कीट है जो पौधों की जड़ों पर आक्रमण करता है. यह तनों में छेद कर उन्हें नुकसान पहुंचाता है. यह दिखने में कैटरपिलर की तरह की होता है जो तनों में सुरंग बनाकर उन्हें खोखला कर देते हैं.
किसान ऐसे करें बचाव
तना छेदक कीट से बचाव के लिए फसल पर जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए. जैसे नीम का तेल, गोबर का घोल या वर्मीवॉश आदि. खेत की अच्छे से जुताई कर कीट के लार्वा को नष्ट किया जा सकता है. समय-समय पर सिंचाई कर पौधे के निचले हिस्से में जमा अंडों को नष्ट किया जा सकता है.
कम्बल कीट
कम्बल कीट को कैटरपिलर भी कहते हैं. यह एक ऐसा कीट है जो पौधों की पत्तियों पर आक्रमण करता है. कम्बल कीट पौधे की कोमल पत्तियों और तनों को खाकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है. अगर इनका आक्रमण बढ़ जाए तो पौधे से पत्तियां नष्ट हो जाती हैं.
कम्बल कीट के बचाव
कम्बल कीट से बचाव के लिए किसान अपने घरों को साफ-सुथरा रखें और जरूरत के हिसाब से कीटनाशकों का भी इस्तेमाल करें. किसान नीम का तेल, सिरका और नींबू के रस का इस्तेमाल कर अपने घर के आस-पास इसका छिड़काव कर सकते हैं.
फली छेदक कीट
यह एक ऐसा कीट है जो फलियों में छेद कर बीजों को खाता है, जिसके कारण बीज खराब हो जाते हैं और पौधों की उपज में कमी आती है. सोयाबीन की फसल के अलावा यह कई और तरह की फसलों पर भी आक्रमण करते हैं.
ऐसे करें बचाव
फली छेदक कीट से बचाव के लिए किसान फसलों पर नीम तेल का छिड़काव कर सकते हैं. किसान चाहें तो तम्बाकू की सुखी पत्तियों का 3% घोल बनाकर फसलों पर उसका छिड़काव करें. खासकर फूल आने और फली बनने के समय. इस तरह से किसान फसल को फली छेदक कीट के आक्रमण से बचा सकते हैं.