हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पिछले दो महीनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. खास कर धान और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे 22 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग ने नुकसान का पूरा विवरण तैयार कर उसे मुआवजे की मंजूरी के लिए निदेशालय को भेज दिया है. कहा जा रहा है कि जिले में 5 हजार हेक्टेयर से अधीक जमीन में लगी टमाटर, लहसुन, अदरक और फ्रेंच बीन्स सहित कई फसलों को नुकसान पहुंचा है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान नकदी फसलों को पहुंचा है. ऐसे भी ये नकदी फसलें जिले के किसानों की मुख्य आमदनी हैं. ऐसे में किसानों की आर्थिक कमर टूट गई है. विभाग के अनुसार, टमाटर, लहसुन, अदरक, फ्रेंच बीन्स, मक्का और शिमला मिर्च को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है. सिरमौर में 10,200 हेक्टेयर खेती योग्य जमीन है और लगभग हर किसान परिवार इस नुकसान से प्रभावित हुआ है.
भूस्खलन से 1.5 हेक्टेयर फसल खराब
पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के निचले इलाकों में धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है. लगभग 12 हेक्टेयर धान के खेत पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, जबकि शिवपुर पंचायत में भूस्खलन से 1.5 हेक्टेयर फसल खराब हो गई है. इस नुकसान के लिए 2.31 लाख रुपये का मुआवजा दावा किया गया है.
इतने लाख रुपये का मिलेगा मुआवजा
सब्जी उगाने वालों को भी भारी नुकसान हुआ है. जिले में 5,700 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर, शिमला मिर्च और अदरक जैसी फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. प्रभावित किसानों द्वारा ऑनलाइन और ब्लॉक स्तर पर किए गए दावों के आधार पर विभाग ने सब्जियों का नुकसान 20,34,900 रुपये आंका है. धान के नुकसान के साथ मिलाकर कुल मुआवजे का दावा 22,65,900 रुपये है
धान की फसल 33 प्रतिशत चौपट
जिला कृषि अधिकारी डॉ. राज कुमार ने कहा कि 12 हेक्टेयर से अधिक धान की फसल को 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान हुआ है, जबकि जिले भर में सब्जियों की फसलें भी भारी तबाही का सामना कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सब्जियों के लिए 20.34 लाख रुपये और धान के लिए 2.31 लाख रुपये के मुआवजे के दावे निपटाए जा चुके हैं और निदेशालय को भेज दिए गए हैं.
बारिश से हजारों करोड़ रुपये का नुकसान
वहीं, बीते दिनों खबर सामने आई थी कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से कुल 2,007 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है, जिसकी क्षति 1,071 करोड़ रुपये आंकी गई है. वहीं, जल शक्ति विभाग को 682.99 करोड़ रुपये और बिजली विभाग को 139.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जबकि, राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले बागवानी और कृषि क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचा है. बागवानी को 27.43 करोड़ रुपये और कृषि को 11.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यानी कुल 38 करोड़ रुपये से भी अधिक के कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है.