कर्नाटक के आम उत्पादक किसानों के लिए राहतभरी खबर है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने पीएम मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कर्नाटक के आम उत्पादक किसानों के लिए केंद्र सरकार से मदद की मांग की है. उन्होंने कहा कि किसानों को खराब मौसम और अनियमित दामों की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. ऐसे में उन्होंने मांग की कि NAFED और NCCF के जरिए कर्नाटक में फलों की खरीद शुरू की जाए, जिससे किसानों को राहत मिल सके और ग्रामीण क्षेत्रों में संकट कम हो.
देवगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक दुनिया भर में आम उत्पादन में अहम योगदान देता है. इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत प्राइस डेफिशिएंसी पेमेंट और मार्केट इंटरवेंशन स्कीम शुरू करनी चाहिए. उनके मुताबिक, कर्नाटक में आम एक प्रमुख बागवानी फसल है, जिसकी खेती लगभग 1.39 लाख हेक्टेयर में होती है. खासकर बेंगलुरु ग्रामीण, शहरी, चित्तकबल्लापुर, कोलार और रामनगर जिलों में आम की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. अनुमानित उत्पादन रबी सीजन में 8 से 10लाख टन होना था, लेकिन खराब मौसम और बिमारियों के कारण इस साल यह उत्पादन 30 फीसदी से भी नीचे रह गया है.
I have written to Prime Minister Shri Narendra Modi and Agriculture Minister Shri Shivraj Singh Chauhan to help mango cultivators of Karnataka, who have suffered vagaries of price, weather and other local factors this season. 1/2 pic.twitter.com/UTEtHf2L0F
— H D Devegowda (@H_D_Devegowda) June 22, 2025
गिरकर 2000 रुपये क्विंटल हुआ आम
उन्होंने पत्र में लिखा है कि आम की कीमतें 12,000 प्रति क्विंटल से गिरकर 2,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गई हैं. जबकि उत्पादन लागत 5466 रुपये प्रति क्विंटल थी. इससे किसानों पर गंभीर वित्तीय दबाव आया है और छोटे-मझोले उत्पादक अपने बुनियादी खर्च भी नहीं उठा पा रहे हैं .
आम उत्पादक किसानों को हो रहा नुकसान
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश द्वारा कर्नाटक की सीमा से लगे चित्तूर जिले में तोतापुरी आमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है. इससे राज्य के सीमावर्ती आम उत्पादकों को फसल के बाद नुकसान का जोखिम बढ़ा है. उन्होंने कहा कि इससे आम उत्पादक टेंशन में आ गए हैं, जिसके कारण कई जिलों, खासकर कोलार और चिक्काबल्लपुरा में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गौड़ा ने यह भी कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने आंध्र प्रदेश सरकार से प्रतिबंध को तुरंत हटाने को कहा है.