शाहाबाद अनाज मंडी में 24 घंटे तक धान खरीदी ठप, किसान रहे परेशान.. इस वजह से हुआ विवाद

मार्केट कमेटी के सचिव कृष्ण कुमार मलिक ने साफ किया कि धान में स्वीकार्य नमी की सीमा 17 फीसदी है. उन्होंने कहा कि मंडी में जो धान आ रहा था उसमें नमी 20 फीसदी तक पाई गई. थोड़ी गलतफहमी थी, लेकिन अब विवाद सुलझ गया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 29 Sep, 2025 | 03:49 PM

Haryana News: हरियाणा के शाहाबाद अनाज मंडी में धान खरीद को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. कमीशन एजेंटों ने नमी कटौती को लेकर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) से विवाद के बाद हड़ताल कर दी. इससे धान खरीद प्रक्रिया 24 घंटे से ज्यादा समय तक ठप रही. ऐसे में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. कहा जा रहा है कि झगड़ा BKU (चढूनी) के प्रवक्ता राकेश बैस और शाहाबाद कमीशन एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बिट्टू कालरा के बीच कहासुनी से शुरू हुआ.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बिट्टू कालरा ने कहा कि मंडी में आ रहा धान काफी गीला था. कुछ मामलों में तो नमी 20 फीसदी से भी ज्यादा थी, जिसे मिल मालिक बिना कटौती के लेने को तैयार नहीं थे. उन्होंने कहा कि मिल मालिक धान में ज्यादा नमी  से नाराज थे और कुछ मामलों में 20 फीसदी से ज्यादा नमी होने पर 40 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती की मांग की गई. मैं चाहता था कि मामला शांतिपूर्वक सुलझे, लेकिन बात बिगड़ गई और मेरे साथ हाथापाई हुई. इसके बाद एजेंटों ने हड़ताल कर दी. अब मामला सुलझ चुका है और काम फिर से शुरू हो गया है.

1 फीसदी नमी पर 25 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती

दूसरी तरफ, BKU के राकेश बैस ने कहा कि किसानों ने मनमानी कटौती का विरोध किया था. उन्होंने कहा कि अब यह तय हुआ है कि 17 फीसदी नमी  वाले धान पर कोई कटौती नहीं होगी. इसके बाद हर 1 फीसदी नमी पर 25 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी. अगर धान में 20 फीसदी से ज्यादा नमी पाई जाती है, तो कमीशन एजेंट किसानों से अनुमति लेकर ही कोई फैसला लेंगे. हम किसानों के हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे.

मार्केट कमेटी के सचिव कृष्ण कुमार मलिक ने साफ किया कि धान में स्वीकार्य नमी की सीमा 17 फीसदी है. उन्होंने कहा कि मंडी में जो धान आ रहा था उसमें नमी 20 फीसदी तक पाई गई. थोड़ी गलतफहमी थी, लेकिन अब विवाद सुलझ गया है. किसानों, कमीशन एजेंटों और मिलर्स की बैठक हुई और अब सोमवार सुबह से खरीद दोबारा शुरू हो गई है. साथ ही धान की उठान भी तेज हो रही है, ताकि कामकाज सुचारू रूप से चले.

मंडियों में धान की आवक काफी कम

बता दें कि हरियाणा में 22 सितंबर से धान की खरीदी  हो रही है. सरकार ने धान की नमी सीमा 17 फीसदी तय की है. हालांकि, इस साल अधिक बारिश और बाढ़ की वजह से फसल में ज्यादा नमी है. ऐसे में किसान धान की कटाई करने में देरी कर रहे हैं. इसके चलते मंडियों में अभी धान की आवक भी कम है.

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Published: 29 Sep, 2025 | 03:45 PM

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