कमीशन एजेंटों की मनमानी पर लगेगा ब्रेक, अब किसानों से नहीं वसूल पाएंगे ज्यादा पैसा..जांच कमेटी गठित

शाहाबाद मंडी समिति के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी किसान ने व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज नहीं कराई है. उन्होंने कहा कि यूनियन की शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अब तक कोई भी सूरजमुखी किसान सामने नहीं आया है.

नोएडा | Updated On: 25 Jul, 2025 | 12:21 PM

हरियाणा के कुरुक्षेक्ष जिला स्थित शाहाबाद मंडी समिति ने सूरजमुखी की फसल खरीद के दौरान कमीशन एजेंटों द्वारा अवैध वसूली के आरोपों की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है. यह कदम भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की जून में की गई शिकायत के बाद उठाया गया है. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि शाहाबाद अनाज मंडी में कमीशन एजेंट किसानों से जबरन 100 रुपये प्रति क्विंटल वसूल रहे हैं. यह आरोप हरियाणा सरकार द्वारा सूरजमुखी पर कमीशन दर 2.5 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी करने के फैसले के बाद आया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी आदेश के अनुसार कमेटी को एजेंटों के रिकॉर्ड की जांच करनी होगी, किसानों और एजेंटों के बयान दर्ज करने होंगे और 15 दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करनी होगी. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि शाहाबाद अनाज मंडी में कमीशन एजेंटों की दो एसोसिएशन हैं और पिछले महीने इन एजेंटों ने सूरजमुखी किसानों से जबरन 100 रुपये प्रति क्विंटल वसूले, क्योंकि सरकार ने उनकी कमीशन दर घटा दी थी. शिकायत लगभग एक महीने पहले दी गई थी और दोनों एसोसिएशनों को नोटिस भी भेजे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

किसान से जबरन पैसे नहीं लिए गए

साथ ही आदेश में कहा गया है कि अब कमेटी बनी है, लेकिन एजेंट किसानों पर दबाव बना रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर किसी ने उनके खिलाफ शिकायत की, तो वे उनकी फसल उठाना बंद कर देंगे. यूनियन जल्द ही ये मामला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने उठाएगी. वहीं, शाहाबाद अनाज मंडी कमीशन एजेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष बिट्टू कालरा ने इन आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा कि खरीद सीजन के दौरान किसी भी किसान से जबरन पैसे नहीं लिए गए. यह शिकायत यूनियन के सदस्यों ने की है, किसानों ने नहीं. हम जांच कमेटी का पूरा सहयोग करेंगे और सभी जरूरी दस्तावेज देंगे. अगर किसी किसान की ओर से कोई गड़बड़ी या असली शिकायत सामने आती है, तो कमेटी को उचित कार्रवाई करनी चाहिए.

सूरजमुखी की खरीद में भाग नहीं लेंगे

बिट्टू कालरा ने सूरजमुखी पर कमीशन घटाए जाने की भी आलोचना की और इसे आर्थिक रूप से नुकसानदायक बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने सूरजमुखी पर कमीशन घटा दिया है, जो हमें मंजूर नहीं है. सूरजमुखी एक संवेदनशील फसल है, जिसे पूरी तरह कमीशन एजेंट ही संभालते हैं. इतनी कम कमीशन में हमारा काम जारी रखना मुमकिन नहीं है. इसलिए हमने अगली खरीद सीजन में सूरजमुखी की फसल की खरीद में भाग न लेने का फैसला किया है.

अब होगी आगे की कार्रवाई

वहीं, शाहाबाद मंडी समिति के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी किसान ने व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज नहीं कराई है. उन्होंने कहा कि यूनियन की शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन अब तक कोई भी सूरजमुखी किसान सामने नहीं आया है. शिकायत करने वाले किसान यूनियन सदस्यों को 25 जुलाई को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. किसानों और एजेंटों दोनों के बयान लिए जाएंगे और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Published: 25 Jul, 2025 | 12:18 PM