Rain Ruined Moong: पंजाब में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश से धान किसान काफी उत्साहित हैं, क्योंकि उन्हें फसल की सिंचाई करने के लिए कुछ दिनों तक ट्यूबवेल चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन दूसरी ओर यही बारिश मूंग और मक्का की फसल पर कहर बनकर टूटी है. इससे फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि मुक्तसर जिले में बारिश से बड़े स्तर मूंग और मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि ये फसलें कटाई के लिए तैयार थीं, लेकिन बारिश और जलभराव ने इन्हें बर्बाद कर दिया.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश से केवल मूंग और मक्के की फसल ही चौपट नहीं हुई है, बल्कि कई इलाकों में कपास का रकबा भी पानी में डूब गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है. कबरवाला गांव के किसान गगनदीप सिंह ने कहा कि मेरे पास तीन एकड़ में मूंग की फसल थी, लेकिन सब पानी में डूब गई. पूरी फसल तबाह हो गई है. उन्होंने कहा कि हमारे गांव में करीब 250 एकड़ में मूंग बोई गई थी, जो बारिश से प्रभावित हुई है. इसके अलावा मक्का की फसल को भी जलभराव से नुकसान हुआ है. ऐसे जिले में इस बार करीब 13,200 हेक्टेयर में कपास की खेती हुई है. किसानों को डर है कि अगर धूप निकलती है तो खड़ी फसल और ज्यादा खराब हो सकती है.
मूंग और मक्के की फसल ज्यादा प्रभावित
मुख्य कृषि अधिकारी करनजीत सिंह ने भी कहा है कि मूंग और मक्का की फसल कई इलाकों में खराब हो गई है. अब किसान इन बर्बाद फसलों को हरी खाद के रूप में इस्तेमाल करेंगे. उन्होंने कहा कि कपास की फसल का क्या हाल होगा, ये तो मौसम साफ होने के बाद ही पता चलेगा. आमतौर पर तेज बारिश के बाद जब धूप निकलती है, तो कपास की फसल सूखने लगती है.
इस वजह से हो रहा जलभराव
हालांकि, उन्होंने जलभराव की बड़ी वजह बंद नालियों को बताया. करनजीत सिंह का कहना है कि हमारी टीमों ने कुछ गांवों में निकासी व्यवस्था जाम पाई है. किसानों का कहना है कि सरकार को गांवों में जाकर सर्वे करना चाहिए और नुकसान के लिए मुआवजा घोषित करना चाहिए. इस बीच, अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं, बीते दिनों खबर आई थी कि पंजाब में बारिश से मक्की की फसल में नमी ज्यादा हो गई है. इस वजह से मक्का का बाजार भाव 2,200 रुपये से गिरकर 1,200 से 1,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.