बारिश शुरू होते ही हममें से कई लोग सबसे पहले किसी पेड़ की छांव तलाशते हैं ताकि भीगने से बच सकें. खासकर खुले रास्ते में चलते समय यह आम आदत बन चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत जानलेवा भी हो सकती है? अक्सर खबरें आती हैं कि बारिश के दौरान पेड़ के नीचे खड़े किसी व्यक्ति पर आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई. यह कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि विज्ञान की चेतावनी है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं.
पेड़ क्यों खींचते हैं बिजली को?
दरअसल, आकाशीय बिजली यानी लाइटनिंग सबसे ऊंचे और अकेले खड़े वस्तुओं की ओर आकर्षित होती है. पेड़, खासकर खुले मैदानों या सड़कों पर अकेले खड़े पेड़, बिजली के लिए आसान निशाना बन जाते हैं. जब बिजली ऐसे पेड़ों पर गिरती है और कोई व्यक्ति उसके नीचे खड़ा हो, तो वह बिजली उस इंसान के शरीर से होकर भी गुजर सकती है. क्योंकि इंसानी शरीर पेड़ की तुलना में बेहतर कंडक्टर (विधुत प्रवाहक) होता है.
सिर्फ बिजली नहीं, गिर सकते हैं पेड़ और डालियां भी
बिजली गिरने पर सिर्फ करंट का खतरा नहीं होता, पेड़ की शाखाएं जल सकती हैं या टूट सकती हैं. ऐसे में नीचे खड़े व्यक्ति पर भारी डालियां या पूरा पेड़ गिर सकता है, जिससे गंभीर चोट या मौत हो सकती है.
क्या कहता है आंकड़ा?
आकाशीय बिजली से हर साल भारत में सैकड़ों लोगों की मौत होती है, और इनमें से एक बड़ी संख्या उन लोगों की होती है जो पेड़ के नीचे खड़े रहते हैं. यह मौतें रोकी जा सकती हैं, अगर लोग सही समय पर सही फैसले लें.
क्या करें, क्या न करें
- बारिश या तूफान के समय खुले मैदान में हों तो किसी इमारत या वाहन के अंदर शरण लें.
- कभी भी अकेले खड़े पेड़ या लाइट पोस्ट के नीचे खड़े न हों.
- पानी से भरे मैदान या खेतों से दूर रहें, बिजली वहां भी रिस सकती है.
- अगर कहीं शरण नहीं मिल रही हो, तो जमीन पर बैठने की बजाय अपने दोनों पैर आपस में जोड़कर स्क्वॉटिंग पोजिशन (उकड़ू बैठना) में बैठें और सिर नीचे कर लें.
बिजली से बचाव के वैज्ञानिक उपाय
- अगर आप घर में हैं, तो बिजली चमकने के समय बिजली से जुड़े उपकरण जैसे टीवी, कंप्यूटर, फोन चार्जर आदि से दूर रहें.
- मोबाइल का उपयोग न करें अगर वह चार्जिंग में हो.
- खिड़की-दरवाजे बंद रखें और पानी की पाइप्स या धातु की चीजों को न छुएं.