10 साल का रिकॉर्ड टूटा, देश के 161 बड़े जलाशय हुए लबालब, जानिए आपके शहर में कितना पानी?

भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल अब तक मानसून 9 फीसदी ज्यादा बरसा है. मध्य भारत में 30 फीसदी और उत्तर-पश्चिम में 31 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. हालांकि पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में बारिश सामान्य से कम रही है.

नई दिल्ली | Published: 18 Jul, 2025 | 10:37 AM

लगातार हो रही झमाझम बारिश का असर अब देश के बड़े जलाशयों में साफ नजर आने लगा है.केंद्रीय जल आयोग (CWC) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत के 161 प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर इस बार 10 साल के औसत से भी ऊपर पहुंच गया है.यह न केवल जल संसाधनों के लिहाज से राहत की खबर है, बल्कि किसानों और आम जनता के लिए भी उम्मीद की किरण है.

भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल अब तक मानसून 9 फीसदी ज्यादा बरसा है. मध्य भारत में 30 फीसदी और उत्तर-पश्चिम में 31 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. हालांकि पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में बारिश सामान्य से कम रही है.

जलाशयों का हाल

बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के मुताबिक, 161 बड़े जलाशयों की कुल क्षमता 182.46 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है, जिनमें इस समय 104.36 BCM पानी है. यह पिछले साल के मुकाबले 91 फीसदी ज्यादा और 10 साल के औसत से 69.5 फीसदी अधिक है.

खरीफ की खेती को मिल सकती है रफ्तार

अच्छे जल भंडारण और ज्यादा बारिश का असर खरीफ की बुआई पर सकारात्मक हो सकता है. धान, मक्का, सोयाबीन जैसी फसलें अच्छी पैदावार दे सकती हैं.

राज्यों में स्थिति कैसी है?

दक्षिण भारत: तमिलनाडु के बांध लगभग 93 फीसदी तक भरे हैं, कर्नाटक 71 फीसदी, आंध्र और केरल 58 फीसदी, जबकि तेलंगाना में यह आंकड़ा 36.5 फीसदी पर है.

पश्चिम भारत: महाराष्ट्र के जलाशय 76 फीसदी, जबकि गुजरात के बांध 45 फीसदी तक भरे हैं.

मध्य भारत: मध्य प्रदेश 61 फीसदी, उत्तर प्रदेश 47 फीसदी, और छत्तीसगढ़ 44 फीसदी जलस्तर पर हैं.

उत्तर भारत: राजस्थान ने बाजी मारी है जहां जलाशय 70 फीसदी तक भर चुके हैं, जबकि पंजाब और हिमाचल में अभी भी जल स्तर 40 फीसदी से कम है.

पूर्वी भारत: बंगाल, मिजोरम और त्रिपुरा के बांध 80 फीसदी से अधिक भर चुके हैं, झारखंड 60 फीसदी, और असम 56 फीसदी पर है.

वहीं IMD का कहना है कि अगले हफ्ते मध्य और दक्षिण भारत में फिर से तेज बारिश हो सकती है, जिससे जलाशयों में और पानी बढ़ने की उम्मीद है.