पंजाब के किसान अपने हक और अधिकारों के लिए आज फिर पूरे राज्य में हजारों ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर मार्च किया. पंजाब सरकारी की ओर से लाई गई लैंड पूलिंग पॉलिसी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के समर्थन में किसान मजदूर मोर्चा ने पूरे पंजाब में ट्रैक्टर रैली निकाली. गांवों में विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते आप ने पंजाब पुलिस से वे होर्डिंग्स हटवा दिए, जिनमें नेताओं को गांवों में न आने की चेतावनी दी गई थी.
लैंड पूलिंग पॉलिसी के विरोध में सड़क पर उतरे किसान
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से पंजाब में लागू की जा रही विवादास्पद भूमि पूलिंग नीति के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अपील को पूर्ण और बिना शर्त समर्थन दिया है. एसकेएम के संयुक्त आह्वान पर आज पंजाब के कई जिलों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मानसा, बठिंडा और संगरूर में बड़ी ट्रैक्टर रैलियां निकाली गईं. हजारों ट्रैक्टर सड़कों पर उतरे और एक शक्तिशाली संदेश दिया: “हम अपनी जमीन नहीं देंगे.”
मोर्चा के नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि ट्रैक्टर रैलियां पंजाब में सभी वर्गों किसानों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं की भारी भागीदारी के साथ आयोजित की गईं, जो विकास के नाम पर भूमि के कॉर्पोरेट अधिग्रहण के खिलाफ एकजुटता का एक ऐतिहासिक प्रदर्शन था. उन्होंने कहा कि इस संयुक्त आह्वान के बाद पंजाब भर के किसानों में नई आशा और साहस जागृत हुआ है. गांवों के लोगों ने इस एकजुट निर्णय का गर्मजोशी से स्वागत किया है और इसे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक समयोचित और मजबूत कदम माना है.
विरोध के डर से पंजाब पुलिस आप सरकार के होर्डिंग-बैनर उतरवाए
बुजुर्ग से लेकर युवा तक, हर कोई अपने गांव, जमीन और भविष्य की रक्षा के संघर्ष में लगा हुआ है. गांव स्तर पर बढ़ते विरोध के डर से आप सरकार ने पंजाब पुलिस को उन गांवों से किसानों द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स और बैनर हटाने का आदेश दिया है, जहां आप नेताओं को प्रवेश से मना किया गया है. मालवा और दोआबा के कई गांवों में ऐसे होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जो आप की नीतियों और किसान विरोधी इरादों की ओर साफ इशारा करते हैं. केएमएम नेता मंजीत सिंह राय ने अधिकारियों पर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि पंचायतों और ग्राम सभाओं के निर्णयों में उच्च अधिकारियों का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
आप सरकार को भाजपा के नक्शेकदम पर न चलने की चेतावनी
केएमएम नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में आप सरकार को भाजपा के नक्शेकदम पर न चलने की चेतावनी दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि आप किसानों से जमीन छीनने के लिए भाजपा और भू-माफिया के निर्देश पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल और भगवंत मान की जोड़ी कृषि को नष्ट करने और किसानों को खत्म करने के नापाक इरादे रखती है. उन्होंने यह भी विरोध कहा कि किसानों को प्रारंभिक मुआवजा भी नहीं दिया गया तथा भारत माला परियोजनाओं, पाइपलाइनों और जहरीले उद्योगों के नाम पर उनकी जमीन लूटने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया.
20 अगस्त को महारैली और 26 को किसान दलों का मंथन
इससे पहले दिल्ली में हुई बैठक में किसान नेता ने सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पंजाब किसान मजदूर मोर्चा की ओर से निर्णय लिया गया है कि 20 अगस्त को पंजाब के जालंधर में किसानों की महारैली होगी. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम यह समझते हैं जिस तरह देशभर में सरकारें कारपोरेट का एजेंडा लागू कर रही हैं. इसको रोकने के लिये सभी संगठनों को मिलकर आंदोलन करना चाहिए और एक बडी लड़ाई सरकार से लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) को मजबूती से खड़ा करने के लिए किसान मजदूर मोर्चा ने 26 अगस्त को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा समेत अन्य दलों को बैठक के लिए बुलाया है.