बिजल बिल और धान खरीद को लेकर नाराज किसानों ने पंजाब और केंद्र सरकार का पुतला जलाया है. किसानों को बिजली बिल महंगा होने और मौजूदा सब्सिडी खत्म होने की चिंताओं ने परेशान कर रखा है. बार-बार मांग करने के बाद भी पंजाब सरकार की चुप्पी के चलते किसान धरना प्रदर्शन और आंदोलन करने को मजबूर हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार को नींद से जगाने के लिए कई दिनों से धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. अब 15, 16, 17 को पंजाब भर में बड़े स्तर जनसभाएं करने का ऐलान किया गया है.
केंद्र सरकार के बिजली संशोधन विधेयक 2025 को लेकर पंजाब सरकार को गहरी नींद से जगाने के लिए किसान मजदूर संघर्ष समिति की ओर से बीते कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. आज भी राज्य और केंद्र सरकार का पुतला जलाया गया. किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक 2025 को लेकर जहां पंजाब समेत देश का हर निवासी चिंतित है, वहीं पंजाब सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है. लेकिन किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर बाला के नेतृत्व में 1 नवंबर से प्रदर्शन और जागरूकता अभियान चला रही है.
केंद्रीय बिजली विधेयक पर पंजाब की चुप्पी से नाराज किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक 2025 के मसौदे पर राज्यों की राय लेने की तारीख 8 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है, लेकिन भगवंत मान सरकार की चुप्पी भी साबित करती है कि वह केंद्र के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि यह लिखित में दिया जाना चाहिए कि बिजली का विषय राज्यों के अधिकार क्षेत्र का है, इसलिए केंद्र को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, लेकिन सभी राजनेता गूंगे हैं. उन्होंने कहा कि न तो कांग्रेस और न ही अकाली दल अपने रुख के बारे में स्पष्ट रूप से बोल रहे हैं.
15 से 17 तक पंजाब के हर गांव में पुतला दहन का ऐलान
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाने के लिए किसान मजदूर मोर्चा भारत 15, 16, 17 को पंजाब भर में गांव स्तर पर बड़ी सभाएं करेगा और मोदी सरकार के भगवंत मान के पुतले जलाएगा और यह संदेश देगा कि इस बिल का मसौदा वापस लिया जाए और मांग करेगा कि 1948 का बिजली अधिनियम बहाल किया जाए जिसके तहत नशे के दलदल में फंसे युवाओं को नौकरियां मिलेंगी और बिजली भी सस्ती दर पर उपलब्ध होगी.
धान खरीद में छूट के फैसले की टाइमिंग पर भड़के सरवन सिंह पंढेर
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने धान खरीद को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होने कहा कि आज क्षतिग्रस्त धान की खरीद पर केंद्र छूट को 5 फीसदी बढ़ाकर से 10 फीसदी कर दिया है. लेकिन, अब इस फैसले से किसानों को क्या फायदा मिलेगा. अगर छूट देनी थी तो पहले करते. अब किसानों की 95 फीसदी धान तो बिक चुकी है. उन्होंने कहा कि किसान मंडी में फसल बेचते समय छूट की मांग कर रहे थे. लेकिन अब जब व्यापारियों ने दाम में कटौती करके पंजाब सरकार को लूट लिया है, तो अब इस छूट का फायदा केवल व्यापारियों और शेलर मालिकों को होगा, इसलिए केंद्र ने यह समय गणना की है, जिससे किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है.